लखनऊ में ‘इको फ्रेंडली’ बकरीद: बकरे की नहीं, इसकी देंगे कुर्बानी

“Eid ul Adha 2018, Bakra Eid 2018: आज पूरा देश बकरीद का त्योहार मना रहा है। इस्लाम धर्म को मानने वाले रमजान खत्म होने के लगभग 70 दिनों बाद ईद-उल-जुहा का त्योहार मनाते हैं। ईद-उल-फितर के बाद ईद-उल-जुहा मुस्लिम समुदाय के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है। इस दिन मुस्लिम परिवार अपनी धार्मिक मान्यताओं के चलते कुछ चौपाया जानवरों की कुर्बानी देते हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ‘इको फ्रेंडली’ बकरीद मनाने का तरीका निकाला गया है। दरअसल यहां की एक बेकरी की दुकान में बकरीद के लिए स्पेशल केक तैयार किए गए हैं और इन केक पर बकरे की तस्वीर लगायी गई है। इस बेकरी में आए एक ग्राहक ने कहा कि “बकरीद पर जानवरों की कुर्बानी ठीक नहीं है। मैं सभी लोगों से अपील करता हूं कि लोग इस त्योहार पर जानवर काटने के बजाए केक काटें।”

क्या है कुर्बानी के पीछे धार्मिक मान्यताः इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार, हजरत इब्राहिम पैगंबर थे और 90 साल की उम्र तक उनकी कोई औलाद नहीं हुई थी। खुदा की इबादत करने के बाद उन्हें एक बेटे की प्राप्ति हुई। बताया जाता है कि एक बार खुदा ने हजरत इब्राहिम के सपने में आकर उन्हें अपनी सबसे प्यारी चीज कुर्बान करने को कहा था। हजरत इब्राहिम को अपना बेटा सबसे प्यारा था। इसलिए हजरत इब्राहिम ने अपने बेटे की ही कुर्बानी देने का फैसला किया। ऐसा कहा जाता है कि कुर्बानी देते वक्त उनकी भावनाएं आड़े ना आएं, इसलिए उन्होंने अपनी आंखों पर पट्टी बांध ली थी, लेकिन जब उन्होंने पट्टी खोली तो देखा कि उनका बेटा सामने खड़ा था और बलि की वेदी पर एक दुंबा था। इसी घटना के बाद से मुस्लिमों में ईद-उल-जुहा पर चौपाया जानवरों की कुर्बानी देने का चलन शुरु हो गया।

बकरीद के मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी ट्वीट कर देशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। राष्ट्रपति ने लिखा कि “ईद-उल-जुहा के अवसर पर सभी देशवासियों विशेषकर हमारे मुस्लिम भाईयों और बहनों को बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। इस विशेष दिन हम त्याग और बलिदान की भावना के प्रति अपना आदर व्यक्त करते हैं। आइए, अपने समावेशी समाज में एकता और भाइचारे के लिए मिलकर काम करें।” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर बकरीद की शुभकामनाएं दी हैं। पीएम ने लिखा कि “ईद-उल-जुहा की हार्दिक शुभकामनाएं। यह दिन हमारे समाज में भाईचारा और करुणा को गहरा करे।”

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