सबसे पवित्र माना जाता है यह शिवलिंग, पूजा के वक्त इन बातों का रखें ध्यान

शिव जी की पूजा में शिवलिंग का विशेष महत्व है। सामान्य तौर पर ऐसा भी कहा जाता है कि बिना शिवलिंग की पूजा किए शिव जी की आराधना अधूरी रहती है। बता दें कि शिवलिंग को भगवान शिव का निराकार स्वरूप कहा गया है। ऐसे में शिव भक्तों के लिए शिवलिंग का महत्व और भी अधिक हो जाता है। इसके अलावा शिवलिंग में शिव जी और मां शक्ति दोनों का ही वास है। इस तरह से शिवलिंग की पूजा करने से शिव और मां शक्ति दोनों की ही आराधना हो जाती है। मालूम कि शिवलिंग कुछ खास प्रकार के होते हैं। इन सभी का अपना अलग-अलग महत्व है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन सभी शिवलिंगों में नर्मदेश्वर शिवलिंग को सबसे पवित्र और शक्तिशाली माना जाता है। आज हम आपको नर्मदेश्वर शिवलिंग के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं।

बता दें कि नर्मदा नदी से निकलने वाले शिवलिंग को नर्मदेश्वर शिवलिंग कहा जाता है। दरअसल नर्मदा नदी को भगवान शिव का आशीर्वाद मिला हुआ है। इस आशीर्वाद से नर्मदा नदी का कण-कण बहुत ही पवित्र बताया गया है। इस वजह से इस नदी से निकलने वाले शिवलिंग सबसे ज्यादा पवित्र माने जाते हैं। नर्मदेश्वर शिवलिंग के बारे में कहा जाता है कि वह हमें कई तरह के भय से बचाता है। कहते हैं कि नर्मदेश्वर शिवलिंग के वास स्थान से काल और यम का भय दूर रहता है।

शिव पूजा में शिवलिंग की महत्ता को देखते हुए इसे घर और मंदिर दोनों जगहों पर स्थापित किया जाता है। इसे इन दोनों जगहों पर स्थापित करने के अलग-अलग नियम हैं। इसमें सबसे सामान्य सी बात यह है कि शिवलिंग की वेदी का मुख उत्तर दिशा में होना चाहिए। कहा जाता है कि नर्मदेश्वर शिवलिंग की आराधना से भक्त पर शिव जी की कृपा बरसती है। नर्मदेश्वर शिवलिंग पर जल अर्पित करते समय उसमें बेलपत्र भी शामिल करना चाहिए। ऐसा करने से शिव जी काफी प्रसन्न रहते हैं।

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