सरेंडर करने जा रहे लालू ने कहा- डिक्टेटरशिप की ओर जा रहा देश, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी इमरजेंसी का संकेत

चारा घोटाला मामले में दोषी करार दिए जा चुके आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने महाराष्ट्र के भीमा-कोरेगांव हिंसा में हुई मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी को लेकर केंद्र के ऊपर जोरदार हमला बोला है। लालू को 30 अगस्त को रांची की सीबीआई अदालत में सरेंडर करना है, जिसके लिए वह रवाना भी हो चुके हैं। बुधवार (29 अगस्त) को पटना एयरपोर्ट में लालू ने मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के मामले में कहा कि देश डिक्टेटरशिप की ओर जा रहा है।

उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘हमारा देश तानाशाही की तरफ बढ़ गया है। पांच मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी की गई है। मोदी जी डर गए हैं कि उनकी हत्या हो जाएगी। देश के प्रधानमंत्री इस तरह की बात बोलें कि हमारी हत्या हो जाएगी, ये अच्छा नहीं लगा देश को, इसलिए कब किसकी गिरफ्तारी होगी, कब किस नेता का क्या होगा…एकदम रास्ता प्रशस्त हो गया इमरजेंसी लागू करने का। जो भी है इतने केस हम लोगों पर है, बच्चों पर है, राबड़ी देवी पर है, सब झूठा है। केस से हमको घेरकर रखा गया है, तनाव में हम रह रहे हैं, ताकि चुनाव पार हो जाए।’ पटना हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए लालू ने बिहार में कानून व्यवस्था ठीक नहीं होने का आरोप लगाते हुए कहा कि यहां पूरी तरह से अराजकता का माहौल है । उन्होंने कहा कि जब रोम जल रहा था, नीरो बंसी बजा रहा था, वही हालत नीतीश की है। उन्होंने आरोप लगाया कि कोई ऐसा दिन नहीं है कि खून, हत्या और बलात्कार की वारदात नहीं घट रही है।

बता दें कि पुणे के निकट कोरेगांव-भीमा गांव में पिछले साल 31 दिसंबर को आयोजित एलगार परिषद के बाद दलितों और सवर्ण जाति के पेशवाओं के बीच हिंसा की घटनाओं के सिलसिले में चल रही जांच के दौरान 28 अगस्त को पुलिस ने देश के कई हिस्सों में छापे मारे और पांच मानवाधिकार कार्यकर्ताओं व कथित नक्सल समर्थकों को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने वामपंथी विचारक वरवर राव समेत वेर्नोन गोंजाल्वेज, अरुण परेरा, सुधा भारद्वाज और गौतम नौलखा को गिरफ्तार किया।

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