सिर्फ स्मोकिंग ही नहीं, फेफड़ों के कैंसर की हो सकती हैं ये पांच वजहें

सिगरेट और तंबाकू के पैकेट्स पर लिखी चेतावनी तो आपको याद ही होगी कि तंबाकू से कैंसर होता है! इसके अलावा भी जब कभी हम कैंसर की बात करते हैं, खासकर लंग कैंसर की बात करते हैं तब हमारे दिमाग में एक ही तस्वीर घूमती है, जिसमें कोई व्यक्ति स्मोकिंग कर रहा हो। लोगों में मन में कैंसर को लेकर यह आम धारणा है कि तंबाकू की वजह से ही कैंसर होता है। यह बहुत हद तक सही भी है। हमारे देश में और विदेशों में भी कैंसर के प्रमुख कारणों में तंबाकू ही है, लेकिन तंबाकू कैंसर का एकमात्र कारण नहीं होता। बात अगर फेफड़ों के कैंसर की भी करें तो यह सिर्फ स्मोकिंग से होने वाली बीमारी नहीं है। इसके पीछे तमाम और भी तरह के कारण हो सकते हैं। आज हम आपको ऐसे ही कुछ कारणों के बारे में बताने वाले हैं।

1. पैसिव स्मोकिंग – अगर आप स्मोकिंग नहीं करते हैं लेकिन ऐसे लोगों के साथ रहते हैं जो बहुत ज्यादा स्मोकिंग करते हैं तो आपको लंग कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है। इस तरह की स्मोकिंग पैसिव स्मोकिंग कहलाती है। यूके में हुए एक शोध के मुताबिक पैसिव स्मोकिंग करने वाले नॉन-स्मोकर्स में कैंसर होने का खतरा एक चौथाई गुना बढ़ जाता है।

2. एस्बेस्ट्स प्वॉइजनिंग – अस्थाई घरों में छत के तौर पर इस्तेमाल होने वाली एस्बेस्ट्स शीट भी फेफड़ों में कैंसर का कारण हो सकती है। एस्बेस्ट्स में मौजूद सिलिकेट फाइबर्स आपके फेफड़ों को काफी नुकसान पहुंचा सकते हैं। एस्बेस्ट्स की छत लगाने वाले मजदूरों में फेफड़ों के कैंसर होने का खतरा काफी ज्यादा होता है।

3. फेफड़ों की बीमारियां – अगर आपको फेफड़ों से संबंधित कोई गंभीर बीमारी है तब भी आप फेफड़ों के कैंसर के खतरे पर हैं। टीबी, क्रोनिक ब्रोंकाइटिस, एम्फाीजिमा आदि फेफड़ों से संबंधित बीमारियां लंग कैंसर की वजह हो सकती हैं।अगर आपका फेफड़ों की बीमारी से संबंधित कोई इतिहास है तो भी आपको लंग कैंसर होने का खतरा ज्यादा होता है। ऐसा होते हुए भी अगर आप स्मोकर हैं तो स्थिति और खराब हो सकती है।

4. वायु प्रदूषण – वायु प्रदूषण के दौरान हवाओं में मौजूद कैर्सिनोजेनिक और म्यूटाजेनिक केमिकल्स आपके फेफड़ों को ज्यादा नुकसान पहुंचा सकते हैं। यह फेफड़ों में कैंसर की भी वजह हो सकते हैं।

5. आनुवंशिक वजहों से – फेफड़ों के कैंसर पर रिसर्च कर रहे शोधकर्ताओं ने बताया कि फेफड़ों का कैंसर होने की आनुवंशिक वजहें भी हो सकती हैं। मतलब कि अगर आपके परिवार में हाल-फिलहाल किसी को फेफड़ों का कैंसर हुआ है तो आपमें भी इसकी संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में यह बात बिल्कुल भी मायने नहीं रखती है कि आप स्मोकर हैं या नहीं।

 

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