सृजन घोटाला: सीबीआई ने दो दिन में दाखिल किए 3 चार्जशीट, 13 नवंबर को 17 आरोपियों की पेशी
सैकड़ों करोड़ रुपए के सृजन घोटाले से जुड़े दो और मामलों में सीबीआई ने पटना की अदालत में चार्जशीट दाखिल किया है। ये दोनों चार्जशीट सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर संख्या आरसी 11 ए /2017 और आरसी 16 ए/2017 से जुड़ी हैं। अब जेल में बंद 17 आरोपियों की पेशी पटना में सीबीआई की विशेष अदालत में 13 नवंबर को होगी। अदालत के आदेश से ये सभी 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भागलपुर जेल में बंद हैं जिसकी मियाद 13 नवंबर को पूरी हो रही है। सीबीआई के वकील एएच खान के मुताबिक, इस तरह सीबीआई ने दो दिन में सृजन से जुड़े तीन आरोप पत्र अदालत में दायर कर दिए हैं। आरसी 11 ए/17 के तहत सृजन की संस्थापक मनोरमा देवी के पूर्व ड्राइवर विनोद कुमार और इंडियन बैंक के प्रबंधक तौकीर कासिम को आरोपी बनाया गया है। विनोद जेल में है और तौकीर की गिरफ्तारी अभी नहीं हुई है। यह मामला साढ़े पांच करोड़ के सरकारी धन के घपले का है।
तीसरा आरोप पत्र आरसी 16ए/17 कल्याण विभाग से जुड़ा है जिसमें छह करोड़ रुपए पंजाब नेशनल बैंक की बरारी शाखा के खाते में जमा थे। 8 नवंबर 2016 को पूरी की पूरी रकम कल्याण पदाधिकारी के नाम से चेक जारी कर बैंक ऑफ बड़ौदा समाशोधन के जरिए स्थांतरित करा ली गई थी। दिलचस्प बात कि बैंक ऑफ बड़ौदा में उसी दिन खाता खोला गया था और वहां से यह रकम सृजन के खाते में जमा कर दी गई। आरोप पत्र में सृजन की संस्थापक मनोरम देवी और कल्याण विभाग के नाजिर महेश मंडल को मृत दिखाया गया है। इनके अलावे कल्याण पदाधिकारी अरुण कुमार, उनकी पत्नी इंदु गुप्ता, बैंक ऑफ बड़ौदा के प्रबंधक मो. सरफराजुद्दीन, सृजन की प्रबंधक सरिता झा भी आरोपी हैं। इंदू देवी और सरफराजुद्दीन की गिरफ्तारी अभी नहीं हुई है। बाकी जेल में बंद हैं।
इस मामले में मजे की बात यह है कि यह एफआईआर पुलिस में कल्याण पदाधिकारी की हैसियत से अरुण कुमार ने ही लिखवाई थी और उसी दिन तड़के एसआईटी ने इनके भागलपुर और पटना के ठिकानों पर छापेमारी कर उन्हें दबोचा था। इनकी पत्नी इंदु गुप्ता के नाम से बैंक में डेढ़ करोड़ नगद जमा का पास बुक, एक करोड़ रुपए के सोने-चांदी के हाल में खरीदे गए जेबरात की रसीद और 25 लाख रुपए के दो चेक बरामद हुए हैं, जो इंदु गुप्ता के नाम से सृजन ने जारी किए थे। एसआईटी से जुड़े एक अधिकारी के मुताबिक इंदु गुप्ता फरार हो गई थी और अबतक गिरफ्त से बाहर है। सीबीआई के आरोप पत्र दायर होने के बाद शिकंजा कसने की उम्मीद जताई जा रही है।
सूत्रों के अनुसार सीबीआई और मामलों में भी जल्द ही आरोप पत्र दाखिल करेगी। कल्याण विभाग के 6 करोड़ रुपए का यह मामला तो छोटा है। इसी विभाग के 100 करोड़ रुपए से ज्यादा के घपले की एक एफआईआर अलग से दर्ज है। उसमें सीबीआई आरोप पत्र में किस-किस को आरोपी बनाती है। देखना दिलचस्प होगा।