स्लीप पैरालिसिसः जब अचानक नींद से उठने पर हिला-डुला न पाएं शरीर, जानिए क्यों होता है ऐसा

क्या आपके साथ ऐसा कभी हुआ है कि सोते हुए आप अचानक जग जाएं और अपने शरीर को हिलाने-डुलाने की कोशिश करें लेकिन आप ऐसा कर पाने में असमर्थ हों? आज ऐसा महसूस करें कि कोई चीज है जो आपको हिलने से रोक रही है! अगर ऐसा है तो आप स्लीप पैरलिसिस यानी निद्रा लकवा के शिकार हैं। स्लीप पैरालिसिस एक ऐसी अवस्था है जब आपका दिमाग तो जगा रहता है लेकिन शरीर सुप्त अवस्था में होता है। ऐसे में जब आप हिलने या फिर उठने की कोशिश करते हैं तब ऐसा लगता है कि कोई चीज आपको ऐसा करने से रोक रही है। ऐसे में मन में एक डर का आ जाना लाजिमी है। अब सवाल यह उठता है कि क्या स्लीप पैरालिसिस जानलेवा हो सकता है? तो चलिए जानते हैं कि निद्रा लकवा हमारे लिए घातक होता है या नहीं।

क्या है स्लीप पैरालिसिस – विशेषज्ञ बताते हैं कि स्लीप पैरालिसिस एक ऐसी अवस्था है जब कोई नींद से उठता है और देखता है कि उसका पूरा शरीर लकवाग्रस्त हो गया है। ऐसे में वह अपने शरीर के किसी भी अंग को हिला-डुला नहीं पाता। ऐसा अक्सर उन लोगों के साथ ज्यादा होता है जो नार्कोलेप्सी या निद्रा रोग से ग्रस्त होते हैं। दरअसल कोई भी व्यक्ति जब सोता है तब दिमाग शरीर और मन को शक्तिहीन कर देता है ताकि वह आराम कर सकें। ऐसे में कभी-कभी ऐसी स्थिति भी आ जाती है जब आपका दिमाग तो जाग जाता है लेकिन शरीर सोया हुआ रह जाता है। जब आपका गिमाग आपके शरीर से पहले जाग जाए तभी स्लीप पैरालिसिस की स्थिति उत्पन्न होती है। ज्यादातर लोगों में यह कुछ ही देर में अपने आप ठीक भी हो जाता है। निद्रा लकवा किसी को भी हो सकता है लेकिन जो लोग नार्कोलेप्सी से पीड़ित होते हैं उनमें इसकी संभावना ज्यादा होती है।

क्या यह जानलेवा है?

विशेषज्ञों का कहना है कि स्लीप पैरालिसिस डरावना है लेकिन यह जानलेवा नहीं है। यह आपको परेशान कर सकता है इसलिए आपको इसका इलाज करवाना चाहिए। स्लीप पैरालिसिस कोई बीमारी नहीं है। यह सिर्फ स्लीप पैटर्न में असंतुलन की वजह से होता है। विशेषज्ञों के मुताबिक दिमाग और शरीर में असंतुलन की वजह से स्लीप पैरालिसिस की घटना घटित होती है।

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