हवाई सफर और महंगे होटलों में ठहरना होगा सबके बस का, सरकार बना रही प्लान!
अगले महीने पेश होने वाले बिल में भारत सरकार पर्यटन सेक्टर के लिए कम टैक्स दरों की सौगात दे सकती है। इसके लिए सरकार 210 अरब की प्रोत्साहन राशि रख सकती है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक सरकार को लगता है कि ऐसा कदम उठाने से आर्थिक वृद्धि होगी और ढेरों रोजगार पैदा होंगे। सरकार के इस कदम से देश में घरेलू पर्यटन में शानदार सफलता देखी जा सकेगी, जहां ढाई अरब मध्यम वर्गीय परिवारों के लोगों की बढ़ती और आय कम महंगाई उनके रहन-सहन और खपत के तरीकों पर फर्क डालेगी। पिछले साल रूटों में इजाफा कर हवाई सेवाओं में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। पर्यटन सेक्टर में पिछले सितंबर तक के आंकड़ों में 6 महीनों में 10 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई, इसकी तुलना में साल भर पहले यह 8 फीसदी थी। एक रिपोर्ट के मुताबिक पर्यटन से 4 करोड़ लोग लोगों को रोजगार मिला है, इसमें अगले एक दशक में 1 करोड़ लोगों को और रोजगार मिल सकता है।
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक वित्त मंत्रालय एक अधिकारी ने बताया कि सरकार बजट के दौरान उपायों का एलान करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि वित्त मंत्री अरुण जेटली होटल टैरिफ में 28 फीसदी टैक्स कटौती और प्रोत्साहन राशि देने के पक्ष मे हैं ताकि निजि निवेश में इजाफा हो।
इंडियन एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर (IATO) के अध्यक्ष प्रोनब सरकार ने बताया- अगर सरकार इस प्लान को अमल में लाती है तो इंडिगो, जेट एयरवेज, ताज और ओबरॉय होटलों को फायदा मिलने की उम्मीद है। पर्यटन क्षेत्र से जुड़ी कॉक्स एंड किंग्स एंड थॉमस कुक नाम की कंपनी को भी फायदा हो सकता है। भारत में आमतौर पर पर्टयक 30 फीसदी टैक्स होटलों की बुकिंग के लिए चुकाते हैं जो कि सिंगापुर, थाईलैंड और इंडोनेशिया के मुकाबले 10 फीसदी कम है।
इस हफ्ते पर्यटन मंत्री केजे अलफॉन्स ने संसद में कहा था कि भारत में अभी 2 लाख नए होटल के कमरों की आवश्यकता है। बाद में रॉयटर्स से अलफॉन्स ने कहा था कि हम उस बिंदु पर पहुंच गए हैं जहां से पर्यटन के लिए नया ढांचा तैयार करने के लिए ज्यादा संसाधन जुटाने और पर्यटन पैकेज विकसित करने की जरूरत है। अल्फॉन्स ने उम्मीद जताई थी कि ऐसे कई इलाके हैं जिन्हें विकसित कर पर्यटन केंद्र बनाया जा सकता है।