30 फर्जी एजुकेशन बोर्ड चला रहे गैंग का भांडाफोड़, 50 हजार से ज्यादा डिग्रियां बेचीं

आनंद मोहन जे

दिल्ली विश्वविद्यालय से स्रातक एक व्यक्ति सहित तीन लोगों को फर्जी डिग्री गिरोह चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। इस गिरोह ने विश्वविद्यालयों और स्कूली बोर्ड के करीब 50000 जाली प्रमाणपत्रों की बिक्री की। पुलिस ने आज बताया कि तीनों आरोपी पंकज अरोड़ा (35), पवितर सिंह उर्फ सोनू (40) और गोपाल कृष्ण उर्फ पाली (40) को पांच जनवरी से 25 जनवरी के बीच गिरफ्तार किया गया। आरोपियों ने पूछताछ के दौरान खुलासा किया कि उन्होंने विभिन्न विश्वविद्यालयों और स्कूली बोर्ड के कम से कम 50000 जाली डिग्री और अंकपत्रों की बिक्री की। पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) विजय कुमार ने बताया कि वे अखबारों में विज्ञापन देकर छात्रों को सभी तरह के प्रमाणपत्र और डिग्री दिलाने का वादा करते थे।

शुरुआती जांच में पता चला है कि गिरोह लगभग 30 फर्जी एजुकेशन बोर्ड चला रहा था और इन्हें लगभग 27 फर्जी वेबसाइट्स से लिंक किए हुए था ताकि किसी को शक न हो। फर्जी डिग्री की सत्यता छिपाए रखने के लिए गिरोह इन्ही वेबसाइट्स का सहारा लेता था। पुलिस ने बताया कि पंकज SRKM एजुकेशन एंड वेलफेयर सोसायटी के नाम से फर्जी एजुकेशन वेलफेयर सोसायटी चला रहा था। पुलिस ने बताया कि गिरोह MBBS, B Ed, JBT और ITI की भी फर्जी मार्कशीट्स-सर्टिफिकेट बनाता था। डीसीपी (वेस्ट) विजय कुमार ने पूरे मामले के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि मामला तब सामने आया जब 3 जनवरी को हरि नगर थाने पर गिरोह की शिकायत मिली।

शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि पंकज की एजुकेशन एंड वेलफेयर सोसायटी के बारे में उसे अखबार के एक विज्ञापन से पता लगा था। डीसीपी कुमार ने आगे बताया कि पंकज ने शिकायतकर्ता से 1, 31, 000 रुपये बतौर एडमिशन एंड एग्जामिनेश फीस मांगे थे, जिसके बदले वे उसे और उसके 7 दोस्तों को डिग्री देता। कुछ दिन बाद पंकज ने डाक के जरिए उन्हें 10वीं की फर्जी मार्कशीट, माइग्रेशन सर्टिफिकेट और ट्रांस्फर सर्टिफिकेट मुहैया कराए। शिकायतकर्ता ने सर्टिफिकेट्स के आधार पर पासपोर्ट बनवाने के लिए आवेदन किया था। इसके बाद ही मामले की कलह खुली और पता लगा कि उसकी 10वीं की मार्कशीट नकली है।

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