नहीं चले पटाखे तो भाजपा पर फूट सकता है गुस्सा, मेट्रो के किराए में बढ़ोतरी पर भी घिरी हुई है पार्टी
दिल्ली एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर सुप्रीम कोर्ट की रोक और दिल्ली मेट्रो के बढ़े किराये ने भाजपाईयों की नींद उड़ा दी है। भाजपा नेता समझ नहीं पा रहें कि आम लोगों से जुड़े इन दोनों मुद्दों को लेकर किस तरह से लोगों का सामना करें। इन दोनों मुद्दों को लेकर राजधानी की राजनीति गहरा गई है। आम आदमी पार्टी ने इस मुद्दे को भाजपा के पाले में डाल कर राजनीतिक मोड़ देना चाहती है। उधर, पटाखों की बिक्री पर लगे अदालती रोक से यदि इस दीपावली पटाखे नहीं चले, तो आने वाले समय में पार्टी को इस मामले में दिक्कत उठानी पड़ सकती है। आप नेता पटाखे के मामले को हजारों लोगों की रोजी रोटी से जोड़कर अदालती आदेश का ठीकरा केंद्र पर फोड़ रहे हैं। दिल्ली भाजपा के नेता भी अब इन दोनों मुद्दों के भावी राजनीतिक असर को समझने लगे हैं। उसे देखते हुए कोई रास्ता निकालने के लिए दिल्ली भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मनोज तिवारी बुधवार को केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद से मिले। उन्हें इस मामले में कोई रास्ता निकालने का आग्रह भी किया है। बाद में वह केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदेव पुरी से भी मिले।
जुबानी जंग में किसका फायदा
मेट्रो के घाटे पर केंद्रीय मंत्री हरदेव पुरी की और केजरीवाल की जुबानी जंग का लाभ भी संभव है आप को मिले। बताते चलें कि केजरीवाल ने केंद्रीय मंत्री को कहा था कि दिल्ली सरकार मेट्रो के सालाना घाटे का आधा हिस्सा वहन करने को तैयार है। इसके जवाब में पुरी ने नियमों की बात करते हुए पूरा घाटा दिल्ली सरकार को उठाने को कहा। इस पर केजरीवाल ने पुरी को जवाब देते हुए कहा कि दिल्ली सरकार मेट्रो की जिम्मेदारी उठाने को तैयार है बशर्ते वह पूरी जिम्मेदारी दिल्ली सरकार को सौपें। केजरीवाल का ये पक्ष दिल्लीवासियों को प्रभावित कर रहा है। दिल्लीवालों को आधे दामों पर बिजली देने और पानी मुफ्त देने की घोषणा कर जीत दर्ज करने वाले केजरीवाल इस मामले में पहले से ही दिल्ली के लोगों का भरोसा जीत चुके हैं। उन्हें लगता है कि दिल्ली मेट्रो केजरीवाल अधीन आती है तो संभव है किराया नहीं बढ़ेगा।