पीएम नरेंद्र मोदी के केदारनाथ दौरे पर बीजेपी में ‘कलह’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को केदारनाथ आने वाले हैं। पीएम के दौरे को लेकर केदारनाथ में सुरक्षा कड़ी की गई है। पूरी केदारपुरी को प्रधानमंत्री के दौरे को देखते हुए छावनी में तब्दील कर दिया गया है। दौरे को कामयाब बनाने के लिए रावत सरकार भी पूरा जोर लगा रही है।
इस बीच पीएम मोदी के दौरे को लेकर राजनीति भी शुरू हो चुकी है। अन्य दलों की सियासत को छोड़ भी दें तो बीजेपी की अंदरूनी राजनीति इसमें जोरों पर है। पीएम के तमाम योजनाओं के शिलान्यास को लेकर जो शिलापट तीर्थाटन और पर्यटन विभाग ने तैयार कराए, उनमें प्रधानमंत्री के साथ राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का नाम तो है।
चौंकाने वाली बात यह है कि इसमें एक नाम और है। वह है पहली बार विधायक बनते ही राज्यमंत्री बनने वाले राज्यमंत्री धन सिंह रावत का। धन सिंह रावत को पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का करीबी माना जाता है। रावत केदारघाटी और आसपास के इलाकों में आरएसएस के प्रचारक रह चुके हैं। पीएम मोदी और अमित शाह की नजदीकी की यह भी एक वजह मानी जा रही है।
विधानसभा चुनाव के दौरान श्रीनगर चुनाव क्षेत्र में कई केंद्रीय मंत्री रावत के समर्थन में चुनाव प्रचार करते दिखे थे। यहां तक कि पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने भी यहां सभाएं की थी। जब प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनी तो धन सिंह रावत भी मंत्री बने। रावत कैबिनेट में उन्हें ताकतवर मंत्रियों में गिना जाता है।
अब प्रधानमंत्री मोदी केदारनाथ में कुछ प्रॉजेक्ट्स के शिलान्यास के लिए आ रहे हैं। पीएम के द्वारा शिलान्यास के लिए प्रस्तावित योजनाओं के शिलापट में धन सिंह रावत का नाम है। इसमें विभागीय मंत्री सतपाल महाराज का नाम शामिल नहीं है। सूत्रों के अनुसार इससे बीजेपी मे अंदरूनी कलह बढ़ सकती है। विभागीय मंत्री के अलावा अन्य मंत्री भी इस तरह धन सिंह रावत को तरजीह देने से नाराज बताए जा रहे हैं।