पड़ोसियों की नींद खराब न हो इसलिए होता है ‘साइलंट कीर्तन’

रात को होने वाले कीर्तन आपकी नींद न खराब कर दे इसके लिए अब महाराष्ट्र में उल्हास नगर की कीर्तन मंडली सजग हो गई है। यहां पर साइलंट कीर्तन का आयोजन होने लगा है। सुनने में अजीब है मगर यह सच है।

उल्हास नगर के गोल मैदान में चलने वाले अमृत वेला कीर्तन के प्रबंधन ने अनूठा उपयोग किया है। अब यहां कीर्तन में आने वाले सभी भक्तों को हेडफोन दिया जाता है। इससे संगीत केवल हेडफोन लगाने वाले को ही सुनाई पड़ता है और आसपास का माहौल शांत बना रहता है।

आपको बता दें कि हर साल दिवाली के पर्व पर उल्हास नगर के सिंधी और पंजाबी गोल मैदान में अमृत वेला कीर्तन का आयोजन करते हैं। इसमें लगभग 10 हजार की संख्या में लोग मौजूद रहते हैं। इसके बाद भी यहां भजन-कीर्तन का शोर पंडाल के बाहर नहीं सुनाई पड़ता।

कोई शोर नहीं
अमृत वेला कार्यक्रम 40 दिनों तक चलता है। यह सिंधियों का प्रमुख काय्रक्रम है। उलहास नगर में अब तक अमृत वेला के 26 दिन बीत चुके हैं। आसपास रहने वाले लोगों को पता ही नहीं चलता है कि उनके पड़ोस में कीर्तन-भजन हो रहा है। हजारों की संख्या में यहां भक्त आते हैं फिर भी माहौल शांत रहता है।हेडफोन के प्रयोग से पहले गोल मैदान में होने वाले अमृत वेला कार्यक्रम से आसपास के लोगों को परेशानी होती थी। कीर्तन रात 10 से सुबह 5 बजे तक चलता था। इससे परेशान होकर सामाजिक कार्यकर्ता सरिता कंचनदानी ने इसकी शिकायत पुलिस में की थी। शिकायत के बाद पहले तो कीर्तन 20 दिनों तक गुरुद्वारे के अंदर हुए। कई सुझाव मिलने के बाद 12 अक्टूबर को कीर्तन प्रबंधन को हेडफोन मिले। इसके बाद से कीर्तन फिर से गोल मैदान में बिना किसी शोर-शराबे के शुरू हुआ।

दरअसल सरिता ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ मुंबई में काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि कीर्तन होना जरूरी है। यह हमारी आस्था से जुड़ा मुद्दा है। मगर हम किसी की नींद खराब करें यह किसी भी तरह से ठीक नहीं। हेडफोन का उपयोग कीर्तन के लिए किया जा रहा है। इससे बाकी लोगों को भी सीख मिलेगी।

कीर्तन प्रबंधन ने कीर्तन के लिए 10 हजार वायरलस हेडफोन दान में मिले। अब यह कीर्तन में आने वाले भक्तों को दिया जाता है। वह इसे कान में लगाकर कीर्तन सुनते हैं और गुनगुनाते हैं। कीर्तन के बाद सभी अपना हेडफोन कीर्तन प्रबंधन को वापस कर देते हैं।

साइलंट गरबा
शोर-शराबे को कम करने की पहल करते हुए इस साल मुंबई में साइलंट गरबा का आयोजन भी किया गया था। उल्हास नगर में साइलंट कीर्तन के आयोजन से संगीत-कीर्तन के कार्यक्रमों को नई दिशा दी जा रही है

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