चौदह महीने से नहीं हुई केंद्रीय अध्यापक पात्रता परीक्षा, लाखों अभ्यर्थी परेशान
सुशील राघव
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की ओर से हर साल दो बार होने वाली केंद्रीय अध्यापक पात्रता परीक्षा (सीटेट) चौदह महीने से आयोजित ही नहीं हुई है। अभी भी स्पष्ट नहीं है कि यह परीक्षा कब होगी। इससे लाखों अभ्यर्थी परेशान हैं। यह परीक्षा अंतिम बार सितंबर 2016 में हुई थी।
दक्षिण दिल्ली की आरती सिंह ने बताया कि उन्होंने एक वर्ष पहले बीएड किया था और तब से सीटेट का इंतजार कर रही हैं। उनका कहना है कि पिछले एक साल में केंद्रीय विद्यालय संगठन सहित कई जगह शिक्षकों के पद निकले हैंं लेकिन सीटेट नहीं होने से वे इनमें आवेदन नहीं कर पाई हैं। वहीं बिहार से आकर सीटेट की तैयारी कर रहे मनोज कुमार का कहना है कि वह करीब एक साल से सीटेट देने की तैयारी कर रहे हैं लेकिन अभी भी नहीं पता है कि परीक्षा कब होगी। उन्होंने बताया इस दौरान उनका दिल्ली में काफी खर्चा हो गया है।
आरती और मनोज ही नहीं सीटेट देने के इच्छुक लाखों अभ्यर्थी इस परीक्षा के नहीं होने से परेशान हैं लेकिन न तो सीबीएसई और न ही राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) बता रही है कि आखिर यह परीक्षा कब होगी। दरअसल, सीबीएसई सिर्फ परीक्षा का आयोजन करता है लेकिन परीक्षा के नियम, दिशा-निर्देश, योग्यता आदि का निर्धारण एनसीटीई करता है। कुछ समय पहले एनसीटीई ने इस परीक्षा के ढांचे में बहुत सारे बदलाव का सुझाव दिया था। इसके अंतर्गत शिक्षकों के ज्ञान और कौशल के अलावा उनके एटीट्यूड को परीक्षा के दौरान परखे जाने का भी सुझाव शामिल था। इसके लिए राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) और विशेषज्ञों के साथ मिलकर ‘एएसके’ पैटर्न तैयार किया गया था। सूत्रों के मुताबिक एनसीटीई ने सीटेट में सभी बदलाव का मसौदा केंद्रीय मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय को भेजा जा चुका है और अब मंत्रालय इस पर निर्णय करना है।
शिक्षक बनने के लिए जरूरी है सीटेट की योग्यता हासिल करना
केंद्र सरकार के स्कूलों जैसे केंद्रीय विद्यालय संगठन, नवोदय विद्यालय समिति आदि के स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए सीटेट की योग्यता हासिल करना आवश्यक है। इसके अलावा दिल्ली सहित कई केंद्र शासित प्रदेशों में भी शिक्षक की नौकरी के लिए यह परीक्षा पास करना जरूरी है। वर्ष 2011 में इस परीक्षा की शुरुआत की गई थी।
आॅनलाइन परीक्षा का प्रस्ताव
एनसीटीई ने जो प्रस्ताव एचआरडी मंत्रालय को भेजा हुआ है उसमें इस परीक्षा को आॅनलाइन करने का प्रस्ताव भी शामिल है। एनसीटीई के पूर्व प्रमुख ए संतोष मैथ्यू ने इस्तीफा देने से पहले बताया था कि सैद्धांतिक रूप से इसका निर्णय कर लिया गया था कि सीटेट को आॅनलाइन आयोजित किया जाए।
सीबीएसई और एनसीटीई प्रमुखों के बदलने से भी हुई देरी
पहले सीबीएसई के चेयरमैन आरके चतुर्वेदी के स्थानांतरण और फिर एनसीटीई के प्रमुख ए संतोष मैथ्यू के इस्तीफा देने से भी सीटेट के आयोजन में देरी हो रही है। ये दोनों अधिकारी जल्द से जल्द इस परीक्षा के आयोजन में लगे थे लेकिन बीच में ही सीबीएसई के चेयरमैन के स्थानांतरण और एनसीटीई के प्रमुख के इस्तीफे से पूरी प्रक्रिया रुक गई। वतर्मान में सीबीएसई की चेयरमैन अनिता करवाल के पास ही एनसीटीई की भी जिम्मेदारी मिली हुई है। उसके बाद भी अभी तक इस परीक्षा की तिथि तय नहीं हो सकी है।