सोने की तस्करी का सनसनीखेज खुलासा: दो भाइयों ने छह महीने में कर डाली 105 करोड़ के सोने की तस्करी, पाकिस्तान और दुबई से भी जुड़े तार
सोने की तस्करी का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। गुजरात के दो व्यवसायी भाइयों ने मिलकर छह महीने में 350 किलो सोने की तस्करी कर डाली। इसका कुल मूल्य 105 करोड़ रुपये आंका गया है। भुगतान हवाला के जरिये किया जाता था। राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने दोनों भाइयों को गिरफ्तार कर लिया है। सोने की तस्करी के तार दुबई और पाकिस्तान से भी जुड़े हैं। जांच एजेंसी अब दोनों भाइयों से सोना खरीदने वाले ज्वैलर्स का पता लगाने में जुटी है। दोनों को पांच जनवरी तक के लिए हिरासत में भेज दिया गया है।
‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ की रिपोर्ट के मुताबिक, राजकोट निवासी मिलन पटेल दुबई स्थित मेट्रो गोल्ड एंड डायमंड ज्वैलरी में पार्टनर है। ग्राहकों की बढ़ती मांग को देखते हुए सबसे पहले उसके दिमाग में सोने की तस्करी का आइडिया आया था। जांच अधिकारियों ने बताया कि उसने भई गौतम की मदद से सोने को पिघलाकर तस्करी करना शुरू कर दिया था। इसके लिए उसने एक कारीगर को भी नियुक्त किया था। गौतम इंडक्शन फर्नेस बनाने का काम करता है। उसने चैंपियन एग्जिम को नाम से अपनी कंपनी खोल रखी है। शुरुआत में दोनों ने मशीन पार्ट में तांबा छुपाकर भेजा था। जांच में इसका पता नहीं चला था। इसके बाद उसने अफ्रीकी देशों से सोना खरीद कर उसे दुबई में पिघलाना शुरू कर दिया। वहां से सोने को मशीन में छुपाकर भारत लाया जाने लगा। शुरुआत में आठ मशीन पार्ट में आधा किलो सोना भेजा जाता था। धीरे-धीरे इसकी मात्रा बढ़ाकर एक किलोग्राम कर दिया गया। जांच अधिकारियों ने बताया कि दोनों ने 16 दिसंबर तक 35 किलो सोने की तस्करी कर चुका था। 20 दिसंबर तक इसके जरिये 40 किलो और सोने की तस्करी की गई।
पाकिस्तानी कनेक्शन: सोने की तस्करी के इस नेटवर्क में पाकिस्तानी कनेक्शन भी सामने आया है। दुबई में रहने वाला मोहम्मद हनीफ सोने को छुपाने में दोनों भाइयों की मदद करता था। इसके लिए उसे प्रति किलो 21,000 हजार रुपये दिया जाता था। एक किलोग्राम सोने की तस्करी में 1.3 लाख रुपये का फायदा होता था।
ज्वैलर भी रडार पर: मिलन और गौतम कई ज्वैलर्स को सोने की आपूर्ति करता था। अधिकारियों ने बताया कि राजकोट, अहमदाबाद और जामनगर के सोनार दोनों से सोना खरीदते थे। डीआरआई अब ऐसे ज्वैलर्स का पता लगाने में जुटी है। इसमें राजू नामक व्यक्ति की भूमिका महत्वपूर्ण थी। तस्करी के सोने को मुंबई में बेचे जाने की बात भी कही जा रही है।