स्कूल ने मुस्लिम छात्राओं के हिजाब पहनने पर लगाई रोक, बताई ये वजह

महाराष्ट्र के थाणे में एक प्राइवेट स्कूल ने मुस्लिम छात्राओं के हिजाब पहनने पर रोक लगा दी है। मुंब्रा स्थित सिम्बायोसिस कॉन्वेन्ट हाई स्कूल ने इसके पीछे छात्राओं की सुरक्षा को मुख्य वजह बताया है। हालांकि, छात्राओं के अभिभावक स्कूल प्रशासन के इस फरमान का कड़ा विरोध कर रहे हैं। बता दें कि इस महीने की शुरुआत में ही स्कूल प्रशासन ने एक सर्कूलर जारी कर निर्देश दिया था कि छात्राओं को स्कूल के अंदर अपने चेहरे को ढकने की इजाजत नहीं होगी। सर्कूलर में कहा गया था कि स्कूल परिसर छोड़ने तक ऐसा नहीं कर सकती हैं। हालांकि, इतनी छूट दी गई कि स्कूल के बाहर हिजाब लगाकर आने वाली छात्राएं स्कूल में प्रवेश करते ही हिजाब हटा लेंगी।

इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए स्कूल के ट्रस्टी कमलराज देव ने कहा कि छात्राओं की सुरक्षा के लिए ही यह कदम उठाया गया है। उन्होंने कहा कि कुछ छात्राएं अपने पूरे चेहरे को बुर्का से ढकी होती हैं। जब वो स्कूल आती हैं तो स्कूल का सिक्योरिटी पर्सन उन्हें नहीं पहचान पाता है। ऐसे में छात्राओं के साथ कुछ अनहोनी न हो जाय, इसलिए ये व्यवस्थी की गई है। देव के मुताबिक, कुछ दिनों पहले दो महिलाएं अपनी बच्ची को लेने आई थीं। उनके भी चेहरे ढके हुए थे। जब क्लास टीचर को बुलाया गया तो वो दोनों महिलाएं वहां से भाग खड़ी हुईं। उन्होंने कहा कि यह एक तरह से अपहरण की कोशिश थी।

हालांकि, कई अभिभावकों ने स्कूल के इस फैसले का समर्थन किया है लेकिन अधिकांश ने इसका विरोध किया है और धार्मिक भानवाओं से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है। इसके जवाब में स्कूल के ट्रस्टी ने कहा कि किसी की धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाने का उनका कोई इरादा नहीं है लेकिन सभी छात्राओं और उन्हें ले जाने आने वाले अभिभावकों को कैमरा के सामने चेहरे पर से बुर्का या नकाब हटाना ही होगा। यह पूरी तरह से बच्चों की सुरक्षा का मामला है।

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