Photos: देखें बंद हो चुके 500-1000 के नोटों का क्या हुआ हाल! लुग्दी में बदलकर गत्ता बनाया जा रहा है
नोटबंदी के बाद 500-1000 रुपए के पुराने नोट रीसाइकिल किए जा रहे हैं। नोटों को लुग्दी बनाकर उनसे गत्ते के फाइल पैड्स तैयार हो रहे हैं। ये सारा काम इन दिनों जेल में बंद कैदियों से कराया जा रहा है। एक दिन में वे तकरीबन 1000 फाइल पैड्स बनाते हैं।
चलन से बाहर किए नोट भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने जेल को दिए हैं, ताकि उन्हें दूसरी तरह से दोबारा इस्तेमाल किया जा सके। आठ नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधन दिया था। उन्होंने इसके जरिए नोटबंदी का ऐलान किया था। तब मध्यरात्रि से 500 और 1000 रुपए के नोट चलन से बाहर कर दिए गए थे। केंद्र सरकार ने यह कदम भ्रष्टाचार मिटाने, कालेधन पर नकेल कसने और कैशलेस इकनॉमी को बढ़ावा देने के मकसद से उठाया था।
तमिलनाडु के चेन्नई शहर में पुजहल केंद्रीय कारागार है। यहीं पर 500-1000 के पुराने नोटों से स्टेशनरी बनाई जा रही है। 25 से 30 कैदियों की टीम इस काम में जुटी रहती है।
चलन से बाहर किए गए नोटों से कैदी रोजाना तकरीबन 1000 फाइल पैड्स तैयार करते हैं। वे महीने में 25 दिन काम करते हैं। आठ घंटे इस काम को करने के लिए उन्हें 160 से 200 रुपए दिहाड़ी के रूप में दिए जाते हैं।
नोटों को वे सबसे पहले लुग्दी बनाते हैं। फिर उसे डाई में डालकर कुछ देर तक सुखाया जाता है। सामग्री अच्छे से सूख जाने पर उससे हार्ड फाइल पैड्स का रूप दिया जाता है।
आरबीआई ने जेल को ये नोट मुहैया कराए हैं। मीडीया रिपोर्ट के अनुसार तमिलनाडु जेल विभाग के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल (प्रभारी) ने इस बाबत पुष्टि की है। उनके अनुसार अभी कुछ हिस्सों में नोट मिलना बाकी है।
उन्होंने कहा, “रिजर्व बैंक ने हमें 70 टन नोट देने की बात कही है, जिसमें नौ टन नोट हमें मिल चुके हैं। बाकी बचे हुए नोटों को कुछ हिस्सों में यहां लाया जाएगा।”
रिपोर्ट के अनुसार, 1.5 टन नोट फाइल पैड बनाने में इस्तेमाल किए जा रहे हैं। ये नोट स्टेशनरी आइटम के तौर पर राज्य सरकार के विभागों और एजेंसियों में इस्तेमाल किए जाएंगे। (सभी तस्वीरेंः आर.सेंथिल कुमार/पीटीआई)