रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि को ‘डाकू’ बोल गईं शिवराज की मंत्री अर्चना चिटनीस, विवाद के बाद मांगी माफी
मध्य प्रदेश की बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनीस आदि कवि वाल्मीकि को डाकू बोलकर विवादों में फंस गईं। उनके इस बयान पर वाल्मीकि और दलित समाज के लोगों में जबर्दस्त नाराजगी है। विवाद को बढ़ता देखकर अर्चना चिटनीस को माफी मांगनी पड़ी। अर्चना चिटनीस मध्यप्रदेश के मंदसौर में आयोजित अखिल भारतीय वाल्मीकि समाज के 13वें अधिवेशन में मौजूद लोगों को संबोधित कर रहीं थीं। इस दौरान अर्चना चिटनीस ने कहा, ‘वाल्मीकि की रामायण भगवान राम से शुरू नहीं होती, डाकू रत्नाकर जब स्नान कर निकले और दो क्रोंच पक्षियों को जिन्हें हम सारस कहते हैं प्रेममग्न होकर नाचते देखकर भाव विह्वल हो रहे थे।’ महर्षि वाल्मीकि के लिए डाकू शब्द सुनकर सभा में मौजूद वाल्मीकि समाज के लोग गुस्से में आ गये उन्होंने तुरंत कार्यक्रम बंद करवा दिया और हंगामा करने लगे। वाल्मीकि समाज के लोगों ने कहा कि उन्होंने इस कार्यक्रम में बुलाकर अर्चना चिटनीस का सम्मान किया, लेकिन मंत्री महोदया ने ही उनके देवता को डाकू कहकर अपमानित किया।
विवाद बढ़ता देखकर मंत्री अर्चना चिटनीस ने वाल्मीकि समुदाय के लोगों से माफी मांग ली। अर्चना चिटनीस ने कहा, ‘मैंने वाल्मीकि जी की महानता और एकता की बात की, हो सकता है एक घंटे के भाषण में एक गलत शब्द कह दिया हो, और फिर कुछ ऐसी बात कह दी हो जो उन्हें समझ में ना आयी हो, इसके लिए मैं पूरी विनम्रता से अपनी गलती मानती हूं और पश्चताप करती हूं।’ हालांकि अर्चना चिटनीस ने कहा कि उन्होंने कुछ इतिहासकारों के कथन का संदर्भ दिया था जिन्होंने वाल्मीकि को ऐसा कहा था, और उन्होंने उन इतिहासकारों की निंदा की थी। लेकिन वाल्मीकि समाज के लोगों के गुस्से को देखते हुए उन्होंने माफी मांग ली।
पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक महर्षि वाल्मीकि ने रामायण की रचना की है। अर्चना चिटनीस के बयान से वाल्मीकि समाज के नेता इस कदर नाराज हुए कि उन्होंने आरएसएस से इसकी शिकायत करने का मन बनाया। अखिल भारतीय वाल्मीकि महासभा के महासचिव देवीदास चाबरिया ने कहा कि मध्य प्रदेश की मंत्री ने वाल्मीकि समाज के धर्मगुरु का अपमान किया है। बता दें कि मध्य प्रदेश में इसी साल विधानसभा के चुनाव होने हैं। इस लिहाज से वाल्मीकि समाज की ये नाराजगी बीजेपी के लिए परेशानी बन सकती थी।