सुप्रीम कोर्ट के चार जजों ने लिखी 7 पन्नों की चिट्ठी-चीफ जस्टिस हममें सबसे पहले हैं, पर ऊपर नहीं, पढ़ें पूरा खत
चीफ जस्टिस के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के 4 वरिष्ठ जजों द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस किए जाने के बाद न्यायपालिका में हलचल मच गई है। जस्टिस चेलामेश्वर, जस्टिस रंजन गोगाई, जस्टिस मदन भीमराव और जस्टिस कुरियन जोसेफ पहली बार मीडिया के सामने आए और सुप्रीम कोर्ट के कामकाज पर सवाल उठाए। देश की सबसे बड़ी अदालत के कामकाज को लेकर चारों जजों ने जो चिट्ठी चीफ जस्टिस को भेजी थी, वह सार्वजनिक कर दी गई है। चिट्ठी के मुताबिक, इस कोर्ट ने कई एेसे न्यायिक आदेश पारित किए हैं, जिनसे चीफ जस्टिस के कामकाज पर असर पड़ा, लेकिन जस्टिस डिलिवरी सिस्टम और हाई कोर्ट की स्वतंत्रता बुरी तरह प्रभावित हुई है।
चिट्ठी में आगे लिखा है कि सिद्धांत यही है कि चीफ जस्टिस के पास रोस्टर बनाने का अधिकार है। वह तय करते हैं कि कौन सा केस इस कोर्ट में कौन देखेगा। यह विशेषाधिकार इसलिए है, ताकि सुप्रीम कोर्ट का कामकाज सुचारू रूप से चल सके। लेकिन इससे चीफ जस्टिस को उनके साथी जजों पर कानूनी, तथ्यात्मक और उच्चाधिकार नहीं मिल जाता। इस देश के न्यायशास्त्र में यह स्पष्ट है कि चीफ जस्टिस अन्य जजों में पहले हैं, बाकियों से ज्यादा या कम नहीं।
#JudgesPressConference – Here is the letter by Justice Chelameswar, Gogoi, Lokur and Kurian Joseph. 7 page letter. (1/2) pic.twitter.com/XY9tZQZHpL
— Bar & Bench (@barandbench) January 12, 2018
JUSTICE CHELAMESWAR LETTER (2/2) pic.twitter.com/UWrxTeJijf
— Sajid Iqbal (@SajidIqbal_) January 12, 2018
चिट्ठी के मुताबिक इसी सिद्धांत के तहत इस देश की सभी अदालतों और सुप्रीम कोर्ट को उन मामलों पर संज्ञान नहीं लेना चाहिए, जिन्हें उपयुक्त बेंच द्वारा सुना जाना है। यह रोस्टर के मुताबिक तय होना चाहिए। जजों ने कहा हमें यह कहते हुए दुख हो रहा है कि इन नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। चिट्ठी में कहा गया कि ऐसे भी कई मामले हैं, जिनका देश के लिए खासा महत्व है। लेकिन, चीफ जस्टिस ने उन मामलों को तार्किक आधार पर देने की बजाय अपनी पसंद वाली बेंचों को सौंप दिया। इसे तुरंत रोके जाने की जरूरत है। जजों ने लिखा कि यहां हम मामलों का जिक्र इसलिए नहीं कर रहे हैं, ताकि संस्थान की प्रतिष्ठा को चोट न पहुंचे। लेकिन इस वजह से न्यायपालिका की छवि को नुकसान हो चुका है।