नौकरी के लिए पोती-नातिन को लेकर रोजगार मेले में पहुंचे योगी आदित्य नाथ के पिता
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह विष्ट पोती और नातिन के लिए एक अदद नौकरी की तलाश में हरिद्वार रोजगार मेले में पहुंचे। यूपी के सीएम की भांजी लक्ष्मी रावत और भतीजी अर्चना विष्ट ने स्किल इंडिया के तहत हरिद्वार में आयोजित रोजगार मेले में शिरकत कर साक्षात्कार दिया। आनंद सिंह ने बताया कि इससे बच्चों को अनुभव मिलेगा और वे जान-समझ पाएंगे कि नौकरी के लिए किस तरह की तैयारी करनी होती है। उनके अनुसार, लक्ष्मी और अर्चना ने 12वीं करने के बाद ऑफिस मैनेजमेंट में डिप्लोमा किया है। जानकारी के मुताबिक, दोनों ने स्किल इंडिया के तहत पंजीकृत स्नाइडर इंडिया नामक कंपनी में साक्षात्कार दिया है। मालूम हो कि रोजगार मेले में नौकरी तलाश करने वाले युवाओं की भारी भीड़ होती है। उन्हें घंटों लाइन में खड़ा रहना पड़ता है। लक्ष्मी और अर्चना को भी काफी देर तक इंतजार करना पड़ा था।
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के पिता सोमवार (29 जनवरी) को रोजगार मेले में पहुंचे थे। अर्चना ने बताया कि उन्होंने राजकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज थलनदी पौड़ी से ऑफिस मैनेजमेंट में डिप्लोमा हासिल किया है। अर्चना ने कहा, ‘मैं अपनी योग्यता से नौकरी हासिल करना चाहती हूं न कि पैरवी से।’ लक्ष्मी और अर्चना ने इसी आधार पर रोजगार महाकुंभ में ऑनलाइन पंजीकरण कराया था। उन्होंने बताया कि उनका इंटरव्यू अच्छा रहा है और अब रिजल्ट का इंतजार है। सीएम योगी के पिता ने कहा, मैं सिफारिश से नौकरी पाने और पक्षपात का घोर विरोधी हूं। मैं चाहता हूं कि बच्चे प्रतियोगिता और अपनी योग्यता के दम पर नौकरी हासिल करें। इससे उन्हें जीवन का अनुभव तो हासिल होगा साथ ही चुनौतियों से मुकाबला करने की ताकत भी मिलेगी।’ यूपी सीएम के पिता ने बताया कि अजय (योगी आदित्यनाथ का मूल नाम) जानता है कि मैं उसकी पैरवी को स्वीकार नहीं करूंगा। लक्ष्मी ने बताया कि उनके मामा और यूपी के मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए बेहतरीन काम कर रहे हैं।
योगी आदित्यनाथ मूल रूप से उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के पंचूर गांव के रहने वाले हैं। उनके पिता आनंद सिंह विष्ट वन विभाग के कर्मचारी रह चुके हैं। योगी ने हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल सेंटर यूनिवर्सिटी से ग्रैजुएशन किया था। बाद में वह गोरखपुर स्थित गोरखनाथ पीठ के महंथ अवैद्यनाथ के शिष्य बन गए थे। उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने से पहले वह छह बार सांसद चुने जा चुके थे।