एक जिंदा महिला को मृत समझ गलती से दफनाया, कब्र से आवाज़ आने पर 11 दिन बाद जब निकाला तो……

ब्राजील में एक महिला की मौत का अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहां एक महिला को मृत मानकर दफना दिया गया था, लेकिन 11 दिन बाद कब्र खोद कर ताबूत निकाला गया। 37 वर्षीय मृतक महिला का नाम रॉसएंजेला अल्मीडा डॉस सैंटोस बताया गया है। रॉसएंजेला को कुछ दिन पहले थकावट की वजह से अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल में भर्ती होने के करीब एक सप्ताह बाद डॉक्टरों ने महिला को मृत घोषित कर दिया और उसका शव परिवार वालों को सौंप दिया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रॉसएंजेला अल्मीडा को अस्पताल में भर्ती कराने के बाद पता चला था कि उन्हें हार्ट अटैक आया था। इलाज के दौरान 28 जनवरी 2018 को डॉक्टरों ने महिला को मृत घोषित कर दिया। डॉक्टर्स ने महिला की मौत की वजह सेप्टिक शॉक बताई थी। इसके बाद परिवार वालों ने अगले दिन महिला को दफना दिया था।

बाद में कब्रिस्तान के पास खेल रहे कुछ बच्चों ने एक शख्स को कब्र से आवाज आने के बारे में बताया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शख्स ने पहले बच्चों की बात को मजाक समझा, लेकिन कब्र के पास जाने के बाद वह खुद हैरान रह गया। तुरंत महिला के परिवार वालों को कब्र से आने वाले शोर के बारे में बताया गया। महिला को दफनाने के करीब 11 दिन बाद यानी 9 फरवरी को कब्र खोदकर ताबूत को निकाला गया।

कब्रिस्तान पहुंचने वालों लोगों में से किसी ने इस पूरी घटना का वीडियो बना लिया। वीडियो में साफ सुना जा सकता है कि कुछ लोग एम्बुलेंस बुलाने के लिए कह रहे हैं, लेकिन ताबूत बाहर निकालने के बाद जो दिखा, वह वाकई में दिल दहला देने वाला था। रॉसएंजेला अल्मीडा का ताबूत से बाहर निकलने का संघर्ष साफ दिखाई दे रहा था। ताबूत पर उसके नाखूनों के गहरे निशान और ताबूत के अंदर फैला खून सब बयां कर रहा था, लेकिन ताबूत बाहर निकाने जाने पर महिला जिंदा नहीं थी।

पुलिस इस घटना की जांच में जुट गई है। अस्पताल के डॉक्टरों और पड़ोसियों से पूछताछ की जा रही है। हालांकि, महिला के परिवार वाले इस लापरवाही के लिए किसी को जिम्मेदार नहीं मान रहे हैं। यहां तक कि आरोपी अस्पताल प्रशासन भी जांच में पुलिस की मदद कर रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस का कहना है कि वो इस केस की तह तक जाएंगे और जरूरत पड़ी तो महिला के शव को दोबारा कब्र से निकाला जाएगा। वहीं, मृतक महिला के पड़ोस में रहने वाली एना फ्रांसिस्को डायस ने बताया कि जब (29 जनवरी) महिला को दफनाया गया था, करीब 500 लोग कब्रिस्तान में थे। उनमें कई लोगों ने महिला के पैरों को हाथ लगाया था। पैरों को हाथ लगाने वाले कई लोगों ने बताया था कि महिला का शरीर अभी भी गर्म था, जबकि इसे ठंडा हो जाना चाहिए था। लेकिन किसी ने इस बात पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया था।

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