बिहार में नशे में नौ बच्चों को रौंदने के आरोपी भाजपा नेता ने किया सरेंडर, उठी आरोपी को उम्रकैद की मांग
बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में 9 स्कूली बच्चों की मौत के आरोपी मनोज बैठा ने बुधवार (28 फरवरी, 2018) को पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया है। मुजफ्फरपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विवेक कुमार ने बताया कि मनोज बैठा ने कल देर रात एक बजे के करीब उनके सरकारी आवास पर आत्मसर्पण कर दिया। उन्होंने बताया दुर्घटना में आरोपी को भी चोटें आई हैं, जिसके चलते उसे श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज से पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल शिफ्ट किया गया है। हॉस्पिटल के जनरल वार्ड में भर्ती मनोज बैठा के चेहरे पर चोट के निशान हैं। मीडिर्किमयों द्वारा चोट के संबंध में सवाल पूछे जाने पर वह चुप्पी साधे रहा। यह पूछे जाने पर कि जिस वाहन से बच्चों की मौत हुई, उसे वह खुद शराब पीकर चला रहा था? मनोज ने इशारों में इनकार कर दिया और कहा कि वह शराब नहीं पीता है।
तीन दिनों तक फरार रहने और आत्मसमर्पण में देरी पर पूछे गए सवाल का भी उसने कोई जवाब नहीं दिया। हादसे में घायल एक बच्ची के पिता मोहम्मद शाहिद अंसारी ने मनोज बैठा के लिए उम्रकैद की मांग की है। इस हादसे में उनके पांच भतीजे-भतीजियों की भी मौत हो गई थी। शाहिद ने मनोज की बात पर यकीन करने से इनकार किया है और कहा कि घायल बच्ची ने मनोज बैठा द्वारा ही गाड़ी चलाने की बात कही है। उन्होंने बताया कि एक बूढ़ी महिला को धक्का मारने के बाद फरार होने के क्रम में मनोज बैठा ने सड़क पार करने के लिए किनारे खड़े स्कूली बच्चों को कुचल दिया था।
बता दें कि आरोपी ने मीनापुर क्षेत्र में बीते शनिवार (24 फरवरी, 2018) को बोलेरो स्कूली बच्चों पर चढ़ा दी थी, जिससे 9 बच्चों की मौत हो गई और 15 से ज्यादा बच्चे घायल हो गए। तब बोलेरो मनोज बैठा चला रहा था। बताया जाता है कि आरोपी भाजपा नेता है, हालांकि पार्टी आलाकमान ने उसे बर्खास्त कर दिया है। पुलिस के अनुसार, धर्मपुर माध्यमिक विद्यालय से छुट्टी के समय सभी बच्चे राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-77 पार करके वापस अपने घर जा रहे थे। तभी एक तेज रफ्तार अनियंत्रित बोलेरो ने इन बच्चों को अपनी चपेट में ले लिया। मृतकों की उम्र सात से 13 वर्ष के बीच बताई जा रही है। इस घटना के बाद बोलेरो सड़क के किनारे जाकर पलट गई। घटना के बाद आरोपी फरार हो गया था।
इससे पहले बिहार विधानसभा में विपक्षी राजद और कांग्रेस सदस्यों ने मंगलवार (27 फरवरी, 2018) को मनोज बैठा की गिरफ्तारी की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था। विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी सरकार पर आरोपी को संरक्षण देने का आरोप लगाया और गिरफ्तारी में देरी होने के लिए राज्य विधानसभा में चर्चा की मांग की थी। विपक्ष के हो-हल्ले के बीच सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आरोपी को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छह साल के लिए बर्खास्त कर दिया था।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) समेत विपक्षी दलों ने सोमवार को भाजपा नेता की जल्द गिरफ्तारी नहीं होने पर राज्यभर में विरोध प्रदर्शन शुरू करने की चेतावनी दी थी। उन्होंने मामले की न्यायिक जांच की भी मांग की है, ताकि यह पता चल सके कि बिहार में शराबबंदी लागू होने के बावजूद घटना के वक्त अपनी कार में बैठे बैठा ने शराब पी रखी थी या नहीं।