सीमा पर जनाजे उठ रहे हों तो बात नहीं हो सकती : सुषमा स्वराज
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सोमवार को दो टूक अंदाज में कहा कि पाकिस्तान के साथ हम हमेशा बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन इस शर्त के साथ कि आतंकवाद और बातचीत साथ – साथ नहीं चल सकते। उन्होंने कहा, सीमा पर जब जनाजे उठ रहे हों तो बातचीत नहीं हो सकती। पठानकोट हमला और घुसपैठ के बीच बातचीत नहीं हो सकती। विदेश मंत्री ने अपने मंत्रालय के चार साल के कामकाज का लेखा-जोखा बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हमारी विदेश नीति का झंडा विश्व भर में बुलंद हुआ है। पहले की किसी भी सरकार ने विदेश मंत्रालय में इतना काम नहीं किया, जितना कि मौजूदा सरकार ने। सुषमा स्वराज ने कहा कि दुनिया भर में भारत की वैश्विक छवि चमकी है। राजग सरकार ने भारतीय पासपोर्ट को ‘मजबूत’ बनाया है।
सुषमा स्वराज ने विदेश राज्यमंत्रियों जनरल (रिटायर) वीके सिंह और एमजे अकबर को साथ लेकर प्रेस कांफ्रेंस की। तीनों ने चार साल की उपलब्धियों के आधार पर विदेश मंत्रालय की पुस्तिका जारी की। सुषमा स्वराज ने बताया कि अभूतपूर्व पहुंच और अद्वितीय परिणाम नीति के तहत सरकार ने 192 में से 186 देशों से संपर्क कायम किया है। इस सरकार के आने के बाद भारत ने वैश्विक चार निर्यात नियंत्रण समूहों में से तीन की सदस्यता हासिल की है। दुनिया भर से 90 हजार भारतीयों को बचाकर स्वदेश लाया गया। कई देशों में सजा पाए भारतीयों की जान बचाई गई। सुषमा स्वराज ने कहा कि जब हमारी सरकार सत्ता में आई, तब पता चला कि कई ऐसे देश हैं, जहां हमारा कोई नेता कभी नहीं गया। हमने सभी देशों से संपर्क करना शुरू किया। उन देशों के साथ मंत्रिमंडल स्तरीय वार्ता शुरू की।
गिलगित-बल्तिस्तान को लेकर पाकिस्तान के ताजा रवैए के बारे में सुषमा स्वराज ने कहा कि भारत ने अपनी ओर से कूटनीतिक स्तर पर कार्रवाई शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि हमने उच्चायुक्त को उसी दिन तलब किया था, जब पाकिस्तान ने उसे पांचवां राज्य बनाने की बात कही थी। पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए सुषमा स्वराज ने कहा कि आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते। उन्होंने कहा कि भारत हमेशा ही अपने इस पड़ोसी मुल्क के साथ बातचीत को तैयार है।
लेकिन बातचीत के लिए सही समय अभी नहीं आया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान हमेशा ही बातचीत की पेशकश के नाम पर दिखावा करता रहा है।
अतीत में पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के द्वारा प्रस्तुत एक प्रस्ताव का जिक्र करते हुए सुषमा स्वराज ने कहा कि नवाज शरीफ ने चार फार्मूले सुझाए थे। तब मैंने कहा कि आतंकवाद छोड़ना ही पर्याप्त फार्मूला होगा। विदेश मंत्री ने दो-टूक कहा, पठानकोट हमला, सीमा पर गोलीबारी और घुसपैठ के बीच बातचीत नहीं हो सकती। हालांकि, दोनों देशों के बीच तय मैकेनिज्म के आधार पर बातचीत जारी है। बड़े स्तर पर औपचारिक बातचीत के लिए हमारा यह मानना है कि आतंकवाद का एजंडा भी उसमें हो। पाकिस्तान इसके लिए तैयार नहीं होता।