‘राष्‍ट्रवाद’ को बढ़ावा देगी मोदी सरकार, सोशल मीडिया पर नजर रखने के लिए बनेगा ‘न्‍यू मीडिया कमांड रूम’

मोदी सरकार देश में राष्‍ट्रवाद को बढ़ावा देने के लिए नए तौर-तरीकों पर विचार कर रही है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सोशल नेटवर्किंग साइटों जैसे टि्वटर, यूट्यूब, लिंक्‍डइन, ई-मेल और इंटरनेट पर मौजूद अन्‍य फोरम पर नजर रखने के लिए ‘न्‍यू मीडिया कमांड रूम’ बनाने की तैयारी में है। समाचार एजेंसी ‘ब्‍लूमबर्ग’ के अनुसार, मंत्रालय की ओर से इस बाबत 25 अप्रैल को ऑनलाइन निविदा आमंत्रित की गई थी। मंत्रालय ने अपनी जरूरतों के बारे में भी जानकारी दी है। सरकार को मीडिया कमांड रूम के लिए ऐसी कंपनी की जरूरत है जो एनालिटिकल सॉफ्टवेयर मुहैया कराने के साथ ही कम से कम 20 ऐसे पेशेवर लोगों की टीम मुहैया करा सके जो वास्‍तविक समय पर न्‍यू मीडिया कमांड रूम के लिए काम कर सके। टेंडर के अनुसार, टीम की प्रमुख जिम्‍मेदारी भारत के विरोधियों द्वारा चलाए जाने वाले मीडिया अभियान को उचित समय पर निष्‍प्रभावी करने और भारतीयों में राष्‍ट्रवाद की भावना बढ़ाने की होगी। मीडिया कमांड रूम सोशल नेटवर्किंग साइटों और ई-मेल के जरिये लोगों की भावनाओं का पता लगाने के साथ ही फेक न्‍यूज की पहचान कर सोशल मीडिया पोस्‍ट के जरिये भारत समर्थक सूचनाओं का प्रचार-प्रसार करेगा।

सरकार की योजना पर उठने लगे सवाल: मोदी सरकार की नई योजना को लेकर सवाल भी उठने लगे हैं। ऑक्‍सफोर्ड यूनिवर्सिटी में इंटरनेशनल डेवलपमेंट विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर निकिता सूद ने इसे ‘मास सर्विलांस टूल’ (व्‍यापक निगरानी तंत्र) करार दिया है। उन्‍होंने कहा, ‘राष्‍ट्रवाद को सरकार या सत्‍तारूढ़ दल के साथ सहमति के तौर पर देखा जाएगा। भारतीय लोकतंत्र और विचार एवं अभिव्‍यक्ति की स्‍वतंत्रता के मौलिक अधिकार पर इसके गंभीर परिणाम होंगे। भारतीय संविधान इसकी गारंटी देता है।’ बता दें कि आने वाले 12 महीनों में कई विधानसभाओं और लोकसभा के लिए चुनाव होने हैं। ऑब्‍जर्वर रिसर्च फाउंडेशन में सीनियर फेलो निरंजन साहू ने सरकार की इस योजना की कड़ी आलोचना की है। उन्‍होंने कहा, ‘यह (मीडिया कमांड रूम) रूस और चीन में पहले से मौजूद उस निगरानी तंत्र के जैसा ही है, जिसकी मदद से नागरिकों पर नजर रखी जाती है। इसके अलावा ये कदम मजबूत डेटा प्रोटेक्‍शन कानून के बिना ही उठाए जा रहे हैं।’

सरकार की राय अलग: सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से जारी निविदा में न्‍यू मीडिया कमांड रूम की भावी कार्यप्रणाली के बारे में भी बताया गया है। इसके मुताबिक, सोशल नेटवर्किंग साइटों पर चलने वाले सरकार की गतिविधियों के लिए प्रासंगिक ट्रेंड और टि्वटर हैशटैग का पता लगाना है। केंद्र इसके जरिये किसी व्‍यक्ति के सोशल मीडिया अकाउंट की निगरानी और बातचीत का ब्‍योरा भी हासिल करना चाहता है। टेंडर में इसके माध्‍यम से भारत के प्रति सकारात्‍मक भावना को बढ़ावा मिलने की भी बात कही गई है। साथ ही मीडिया कमांड रूम को भविष्‍य में सोशल मीडिया पर चलने वाले ट्रेंड के बारे में भी बताना होगा, ताकि समय रहते ही भारत विरोधी प्रचार को निष्‍प्रभावी किया जा सके।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *