राज बब्बर: कर रहे थे शूटिंग, रात में मुलायम ने बुलवाया, बना दिया सांसद
उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष राज बब्बर सिनेमा से राजनीति में कदम रखनेवाले ऐसे सितारे हैं जिन्हें खुद एक प्रधानमंत्री ने पालिटिक्स में लॉन्च कराया था। 1989 में तत्कालीन प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह ने उन्हें राजनीति में एंट्री करवाई थी। उस वक्त वो जनमोर्चा के जरिए वैकल्पिक राजनीति की राह गढ़ रहे थे लेकिन जल्द ही उन्हें जनता दल में शामिल कर लिया गया। बाद में वो समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। सपा से वो तीन बार संसद सदस्य चुने गए। एबीपी न्यूज चैनल को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि 1992 में बाबरी विध्वंस के बाद मुंबई में भड़की हिंसा के दौरान वो हिन्दू और मुस्लिम बस्तियों में जा-जाकर अमन-चैन की बहाली के लिए काम कर रहे थे, तभी वहां मुलायम सिंह यादव से मुलाकात हुई। बतौर राज बब्बर मुलायम सिंह ने उन्हें उत्तर प्रदेश आकर उन्हें मदद करने को कहा था और कहा था कि इस हिंसा की गंगोत्री यूपी में है, इसलिए यूपी आओ।
इसी इंटरव्यू में राज बब्बर ने बताया कि 1993 में जब वो एक दिन ऊटी में फिल्म शूटिंग कर रहे थे तभी अचानक रात में मुलायम सिंह यादव का फोन आया कि तुम लखनऊ आओ। राज बब्बर ने कहा कि जब वो लखनऊ पहुंचे तो मुलायम सिंह यादव ने उन्हें राज्यसभा का सदस्य बनाकर सीधे संसद भेज दिया। वो 1993 से 1999 तक राज्यसभा के सदस्य रहे। वो लोकसभा सांसद भी रहे। हालांकि तीन बार सपा से सांसद रहने के बाद उन्हें साल 2006 में पार्टी से बाहर निकाल दिया गया। तब कहा गया था कि अमर सिंह और शिवपाल यादव की वजह से उनकी सपा से विदाई हुई। दो साल बाद उन्होंने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर ली। उसके अगले साल उन्होंने 2009 के लोकसभा चुनावों में मुलायम सिंह यादव की बहू और अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को हराकर चौथी बार संसद पहुंचे। राज बब्बर फिल्मों में अक्सर कहा करते थे तीन चीजों से तौबा करना- शक्कर, नमक और नेता लेकिन वो खुद नेता बन गए।
1996 के लोकसभा चुनाव में राज बब्बर ने तब बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पीएम पद के उम्मीदवार अटल बिहारी वाजपेयी के खिलाफ लखनऊ से लोकसभा का चुनाव लड़ा था। बब्बर ने तब वाजपेयी को कड़ी चुनौती दी थी लेकिन चुनाव हार गए थे। 2014 के चुनावों में उन्होंने गाजियाबाद से चुनाव लड़ा लेकिन बीजेपी के वी के सिंह से हार गए। इसके बाद उन्हें यूपी कांग्रेस की अध्यक्ष बनाया गया। इसी साल उन्होंने 21 मार्च को इस पद से इस्तीफा दे दिया लेकिन अभी तक उनका इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ है। फिलहाल वो उत्तराखंड से कांग्रेस के राज्यसभा के सांसद हैं। आज (23 जून) उनका 67वां जन्मदिन है। 23 जून 1952 को आगरा के पास टुंडला में उनका जन्म हुआ था।