दिल्ली सरकार के स्कूलों में ध्यान के साथ शुरू होगी कक्षा, गुरु दलाई लामा ने किया शुभारंभ
तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा ने दिल्ली सरकार के स्कूलों के लिए सोमवार को ‘खुशी पाठ्यक्रम का शुभारंभ करते हुए कहा कि भारत आधुनिक और प्राचीन ज्ञान को एकजुट कर दुनिया का नेतृत्व कर सकता है और मानवता को नकारात्मक भावनाओं से उबरने में मदद कर सकता है। स्कूलों में खुशी पाठ्यक्रम नर्सरी से लेकर आठवीं कक्षा तक लागू किया जाएगा जिसके तहत ‘ध्यान, ‘नैतिक मूल्यों, ‘देशभक्ति जैसी चीजों का अभ्यास कराया जाएगा। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने नर्सरी से आठवीं कक्षा तक के छात्रों के लिए यह पाठ्यक्रम पेश करते हुए कहा कि पाठ्यक्रम में दिल्ली सरकार के सभी स्कूलों में नर्सरी से लेकर आठवीं कक्षा तक में 45 मिनट का एक ‘हैप्पीनेस पीरियड होगा। हर क्लास पांच मिनट के ध्यान के साथ शुरू होगी। उन्होंने कहा कि हैप्पीनेस की कक्षा में ऐसी गतिविधियां रखी जाएंगी जिससे बच्चों में आत्मविश्वास बढ़े, नैतिक मूल्यों और देशभक्ति की भावना का विकास हो और वे तनाव से मुक्त रह सकें।
दलाई लामा ने अपने स्कूलों में ‘खुशी पाठ्यक्रम शामिल करने के दिल्ली सरकार के कदम का स्वागत करते हुए कहा कि इसका असर पूरे विश्व पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सिर्फ भारत आधुनिक शिक्षा को प्राचीन ज्ञान के साथ जोड़ सकता है। यह मानव भावनाओं को पूरा करने के लिए जरूरी है। उन्होंने कहा कि यह शारीरिक और मानसिक कल्याण का मार्ग प्रशस्त करेगा। गुस्सा, नफरत और ईर्ष्या जैसी नकारात्मक और विध्वंसकारी भावनाओं के कारण उत्पन्न होने वाले संकटों का निवारण करेगा। दलाई लामा ने देश में प्राचीन भारतीय ज्ञान की पुन: प्राप्ति करने और बौद्ध धर्म का अनुसरण करने वाले देशों सहित दुनिया भर में इसे फैलाने की अपील की।
उन्होंने कहा कि प्राचीन ज्ञान को पुन: प्राप्त कर भारत आधुनिक समय का गुरु बन सकता है। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि शिक्षा क्षेत्र में उनकी सरकार द्वारा शुरू किए गए तीसरे चरण के सुधार के तहत सोमवार से ‘खुशी पाठ्यक्रम शुरू किया गया है। हालांकि, उन्होंने कहा कि लॉर्ड मैकॉले की डेढ़ सौ-दो सौ साल पहले की शैक्षणिक प्रणाली को आजादी के बाद हूबहू अपना लिया गया जो केवल क्लर्क पैदा कर रही है। केजरीवाल ने कहा कि मौजूदा शिक्षा प्रणाली में आमूलचूल बदलाव करने की जरूरत है। सभी राज्यों और केंद्र सरकार को एक साल के लिए शिक्षा के क्षेत्र में युद्धस्तर पर काम करना चाहिए ताकि पूरे देश में शिक्षा को लेकर ऐसा माहौल बने कि हमारे बच्चों और अनपढ़ लोगों को शिक्षित किया जा सके। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि इस कवायद में 10 लाख छात्र और करीब 50,000 शिक्षक शामिल होंगे।
उन्होंने कहा कि, ‘हमारा मानना है कि आतंकवाद, भ्रष्टाचार और प्रदूषण जैसी आज के समय की समस्याओं को स्कूलों और मानव केंद्रित शिक्षा से हल किया जा सकता है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि इस पाठ्यक्रम को दिल्ली सरकार के 40 शिक्षकों, शिक्षाविदों और स्वयंसेवियों की एक टीम ने छह महीने में तैयार किया है।
भारत आधुनिक और प्राचीन ज्ञान को एकजुट कर दुनिया का नेतृत्व कर सकता है और मानवता को नकारात्मक भावनाओं से उबरने में मदद कर सकता है। – दलाई लामा