राजस्थान: सरकारी स्कूलों में बच्चों को हफ्ते में तीन दिन मिलेगा दूध
राजस्थान सरकार ने सरकारी स्कूलों, मदरसों आदि में पढ़ने वाले करीब 62 लाख बच्चों के लिए अन्नपूर्णा दूध योजना शुरू की है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने सोमवार को दहमीकलां के राजकीय आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय में जयपुर के विभिन्न स्कूलों से आए बच्चों को अपने हाथों से गर्म दूध पिलाकर अन्नपूर्णा दूध योजना की पूरे प्रदेश में शुरुआत की। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों को सही पोषण मिले, इसकी चिंता माता-पिता के अलावा अब सरकार भी करेगी। राज्य में कक्षा एक से आठ तक के प्रदेश भर के सभी सरकारी विद्यालयों में सोमवार की शुरुआत करते हुए सुबह प्रार्थना सभा के बाद बच्चों को दूध बांटा गया।
राज्य स्तरीय समारोह जयपुर के पास दहमींकला गांव के सरकारी स्कूल में हुआ। इसमें मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी समेत आला अफसर और जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। सभी जिलों में प्रभारी मंत्रियों और अन्य इलाकों में जनप्रतिनिधियों ने इस योजना की शुरुआत अपनी मौजूदगी में कराई। सरकार के निर्देशों के तहत कक्षा एक से पांच तक के बच्चों को डेढ़ सौ मिलीग्राम और कक्षा छह से आठ तक के बच्चों को दो सौ मिलीग्राम दूध दिया जाएगा। बच्चों को हफ्ते में तीन दिन दूध दिया जाएगा। सभी स्कूल प्रधानों को दोपहर बाद ढाई बजे तक दूध वितरण की पालना रिपोर्ट शिक्षा विभाग को भिजवाना अनिवार्य किया गया है।
स्कूलों में सोमवार को अभिभावक-अध्यापक परिषद की बैठकें हुईं। इसमें योजना को सही ढंग से लागू करने पर स्थानीय स्तर पर विचार किया गया। प्रदेश के 66 हजार 506 स्कूलों और मदरसों को इस योजना से जोड़ा गया है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने योजना की शुरुआत करते हुए कहा कि अब प्रदेश के नौनिहालों को मध्याह्न भोजन के साथ गुणवत्तायुक्त दूध पिलाया जाएगा। इससे बच्चे स्वस्थ होंगे और बेहतर तरीके से अपनी पढ़ाई कर पाएंगे। इस तरह की योजना से सरकारी स्कूलों के प्रति लोगों का आकर्षण भी बढेÞगा और नामांकन में भी बढ़ोतरी होगी। उन्होंने योजना को कामयाब बनाने के लिए ग्रामीण इलाकों की महिला दुग्ध सहकारी समितियों को इस काम में आगे आने की अपील भी की। शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि योजना बालकों के बेहतर स्वास्थ की दिशा में एक बेहतरीन कदम साबित होगा। उन्होंने कहा कि राजस्थान में शिक्षा के क्षेत्र में किए गए नवाचारों से उसकी देश में एक विशेष पहचान बनी है।