उत्तराखंड में ड्राइव करते वक्त मोबाइल पर बातचीत करने वालों का होगा मोबाइल सीज: हाई कोर्ट का ऑर्डर

अब अगर उत्तराखंड में कोई शख्स ड्राइव करते वक्त मोबाइल पर बातचीत करते नजर आएगा तो कम से कम एक दिन के लिए पुलिस उसका फोन जब्त कर लेगी। ड्राइविंग के दौरान मोबाइल फोन पर बातचीत करने वालों पर उत्तराखंड हाई कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए यह आदेश दिया है। कोर्ट ने शुक्रवार को सड़क सुरक्षा को लेकर कई निर्देश दिए। अदालत ने ट्रांसपार्ट विभाग को अधिकार दिए कि वह ड्राइविंग के दौरान बातचीत करने वालों का अस्थाई तौर पर 24 घंटे के लिए मोबाइल फोन जब्त कर ले और उन्हें रसीद दे।

बता दें कि अदालत ने बीते महीने ड्राइविंग के दौरान मोबाइल पर बातचीत पर कड़ा रुख अपनाते हुए आदेश दिया था कि ऐसा करने वालों का लाइसेंस रद्द कर दिया जाए। अदालत ने आदेश दिए थे कि राज्य सरकार द्वारा कानून में जरूरी बदलाव करने तक हर उल्लंघनकर्ता से जुर्माने के तौर पर 5 हजार रुपये वसूला जाए। बता दें कि हाल ही में पौड़ी गड़वाल जिले के धूमाकोट के नजदीक एक बस दुर्घटना में 50 लोग मारे गए थे। इसके बाद से राज्य की यातायात व्यवस्था और सड़कों की हालात निशाने पर है। राज्य के मामलों की जानकारी रखने वालों का कहना है कि राज्य के परिवहन विभाग की हालत बेहद खराब है। परिवहन विभाग के नाम पर बसें नाम मात्र की ही चलती हैं और सड़कों पर निजी कंपनियों की बसों का कब्जा है। इसके अलावा, खस्ताहाल सड़कें भी दुर्घटनाओं की बड़ी वजह है।

बता दें कि वाहन चलाने के दौरान मोबाइल फोन पर बातचीत को लेकर महाराष्ट्र से लेकर तमिलनाडु तक ऐक्शन लिया जा रहा है। द हिंदुस्तान टाइम्स में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, पुणे पुलिस ने बीते 4 महीने में 300 लोगों के लाइसेंस रद्द किए हैं। इसके अलावा, जुर्माने के तौर पर 57 लाख रुपये से ज्यादा की रकम वसूली है। इसके अलावा, यातायात विभाग सड़कों के नियमों को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए कई अभियान भी चला रहा है। उधर, तमिलनाडु के अरियालुल के रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस ने भी मोबाइल पर बातचीत करते हुए गाड़ी चलाने वालों पर सख्ती की तैयारी की है। दोपहिया वाहन हो या चार पहिया, यातायात अधिकारियों ने जुर्माना लगाने और तीन महीने तक ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित करने जैसे कदम उठाने का फैसला किया है।

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