मोदी सरकार में मंत्री बेटे जयंत सिन्हा के लिए बोले यशवंत सिन्हा- नालायक हो गया है बेटा
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) छोड़ चुके पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने शनिवार (7 जुलाई) को एक ट्वीट कर पिता और पुत्र रिश्ते में तनातनी की अफवाहों और बल दे दिया। दरअसल, केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने कथित तौर पर झारखंड के रामगढ़ लिंचिंग (पीट-पीट कर हत्या) मामले में जमानत पर बाहर आए आठ दोषियों का माल्यार्पण कर स्वागत किया था। इस पर वह विरोधियों और आलोचकों से तो घिर ही गए, उनके पिता यशवंत सिन्हा ने भी नाराजगी जाहिर कर दी। यशवंत सिन्हा ने इस बार बेटे के खिलाफ नाराजगी जाहिर करने के लिए ट्विटर का सहारा लिया। यशवंत सिन्हा ने ट्वीट में लिखा, ”पहले मैं लायक बेटे का नालायक पिता था, अब रोल बदल गया है। अपनी बात ट्विटर से रखता हूं। मैं अपने बेटे के काम का अनुमोदन नहीं करता हूं लेकिन मुझे पता है कि इससे भी आगे दुर्व्यवहार किया जाएगा। तुम कभी नहीं जीत पाओगे।”
बता दें कि विपक्षी दल लगातार रामगढ़ लिंचिंग मामले के दोषियों को कथित रूप से सम्मानित करने के मामले में जयंत सिन्हा और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर हमलावर रुख अपनाए हुए हैं। वहीं जयंत सिन्हा ने अपने काम का बचाव करते हुए कहा कि उनका न्यायिक व्यवस्था में पूरा विश्वास है। उन्होंने यह भी कहा कि सभी दोषी जमानत पर बाहर आए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उच्च न्यायालय द्वारा दोषियों की उम्रकैद की सजा निलंबित कर उन्हें जमानत पर रिहा किए जाने के बाद एक स्थानीय बीजेपी नेता उन्हें लेकर सिन्हा के आवास पर पहुंचे थे, जहां कथित तौर पर उनका स्वागत किया गया था।
Earlier I was the Nalayak Baap of a Layak Beta. Now the roles are reversed. That is twitter. I do not approve of my son’s action. But I know even this will lead to further abuse. You can never win.
— Yashwant Sinha (@YashwantSinha) July 7, 2018
जयंत सिन्हा के काम की निंदा करते हुए कांग्रेस ने सत्तारूढ़ बीजेपी पर निशाना साधते हुए उस पर सांप्रदायिक तनाव भड़काने का आरोप लगाया। कांग्रेस ने एक ट्वीट में कहा, “यह सिर्फ न्यू इंडिया में हो सकता है, जहां फांसी पर लटकाने के बजाए लोगों को मालाएं पहनाई जा रही हैं।” पिछले साल अक्टूबर में भी यशवंत सिन्हा ने अपने बेटे से असहमति की बात एक मंच से साझा की थी। यशवंत ने कांग्रेस नेता मनीष तिवारी की एक किताब का विमोचन करने के बाद जयंत सिन्हा के लिए कहा था, “किसी दिन वह मेरा समर्थन करने का अपना धर्म महसूस करेंगे, मैं उस दिन का इंतजार करूंगा। यदि वह ऐसा नहीं महसूस करते हैं तो उन्हें शुभकामनाएं।”