डिनर के बाद बंद कमरे में अमित शाह और नीतीश कुमार में 15 मिनट तक गुफ्तगू, क्या हुई बातचीत?
बिहार में एनडीए गठबंधन में सब कुछ ठीक न होने की अटकलों के बीच बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और सीएम नीतीश कुमार गुरुवार को मिले। सीटों के बंटवारे को लेकर बीजेपी और जेडीयू में मतभेद की वजह से राजनीतिक जानकारों की इस मुलाकात पर खास नजर थी। दोनों नेता पहले ब्रेकफास्ट और फिर रात को डिनर पर मिले। स्थानीय मीडिया ने सूत्रों के हवाले से बताया कि डिनर के बाद दोनों नेताओं के बीच अकेले कमरे में 15-20 मिनट बातचीत हुई।
कहा जा रहा है कि इस बातचीत में सीटों के बंटवारे को लेकर दोनों पार्टियों के बीच एक सहमति बन गई है। माना जा रहा है कि अब एनडीए के अन्य घटक दल, लोकजनशक्ति पार्टी और आरएलएसपी से बातचीत की जाएगी और वक्त आने पर सीटों के बंटवारे को लेकर एनडीए की ओर से औपचारिक ऐलान कर दिया जाएगा।
पार्टी पदाधिकारियों से बातचीत में शाह ने बताया कि वह फिर नवंबर में आएंगे। उन्होंने नेताओं को नसीहत दी कि वे लोकसभा चुनाव को गंभीरता से लें और सहयोगी दलों से बेहतर रिश्ते रखें। शाह ने बूथ कमिटियों का भी जल्द से जल्द निर्माण करने का निर्देश दिया। पटना पहुंचने के बाद बीजेपी अध्यक्ष सुबह 10 बजे के करीब सरकारी गेस्ट आउस पहुंचे थे। पहली बार दोनों नेता यहीं ब्रेकफास्ट पर मिले।
सूत्रों के मुताबिक, यहां एक घंटे चली मुलाकात में राजनीतिक गतिविधियों से लेकर सीटों के बंटवारे तक पर बातचीत हुई। इस मुलाकात के दौरान उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष नित्यानंद राय और बिहार बीजेपी प्रभारी भूपेंद्र यादव भी मौजूद थे। मीटिंग के बाद बीजेपी अध्यक्ष सीएम नीतीश कुमार को गेट तक छोड़ने आए।
इसके बाद, रात में बिहार के सीएम और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह सीएम आवास पर आयोजित डिनर में शमिल हुए। इसमें प्रदेश के शीर्ष बीजेपी नेताओं के अलावा जेडीयू से सांसद आरसीपी सिंह, जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह, मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव और लल्लन सिंह जैसे कई बड़े नेता शामिल हुए। गुजराती अमित शाह की पसंद को देखते हुए शाकाहारी पकवानों का इंतजाम किया गया था।
खबरों के मुताबिक, डिनर में रोटी, चावल, उपमा, डोकला आदि परोसा गया। एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक बीजेपी नेता ने बताया कि नीतीश कुमार की पार्टी ने यह संदेश दिया है कि वह 40 में से कम से कम 15 सीटों पर ही राजी होगी। इसका मतलब यह है कि आम चुनाव 2014 में बिहार में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी बीजेपी को कुछ सीटों का बलिदान देना होगा।
उधर, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने विपक्ष को साफ मैसेज दिया है कि एनडीए गठबंधन में सब ठीक है। उन्होंने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा, ‘विपक्ष लार टपकाना बंद करे। नीतीश कुमार हमारे साथ हैं, वे कहीं जाने वाले नहीं हैं।’ अमित शाह ने आरोप लगाया कि विपक्ष लंबे वक्त से बीजेपी और जेडीयू को लड़ाने की कोशिश करता रहा लेकिन नाकाम हुआ। शाह के मुताबिक, दोनों पार्टियां 2019 आम चुनाव में साथ उतरेंगी और सभी 40 सीटों पर कब्जा करेंगी।
उधर, सीएम नीतीश कुमार के लिए गुरुवार का दिन बहुत व्यस्त रहा। इस वजह से उन्हें अपने राजनीतिक और आधिकारिक दायित्व पूरा करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। उन्हें नीति आयोग की बैठक में शामिल होने के लिए दिल्ली आना था, लेकिन बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पटना में थे। इस वजह से नीतीश को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए नीति आयोग की बैठक में शामिल होना पड़ा।