अविश्वास प्रस्ताव: सोनिया गांधी बोलीं- किसने कहा हमारे पास संख्या बल नहीं?
संसद का मानसून सत्र बुधवार (18 जुलाई) से शुरू हो गया। सत्र के पहले ही दिन विपक्षी दलों ने नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दे दिया। सदन की अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने इसे स्वीकार कर लिया है। इस पर 20 जुलाई को चर्चा होगी। इसके साथ ही विपक्षी दलों के संख्या बल को लेकर भी कयासबाजी शुरू हो गई है। सवाल उठने लगे हैं कि क्या विपक्ष के पास अविश्वास प्रस्ताव को निचले सदन से पारित करवाने योग्य संख्या है। यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने संख्या बल को लेकर संदेह जताने वालों को जवाब दिया है। उन्होंने कहा, ‘कौन कहता है कि हमारे पास पर्याप्त संख्या नहीं है?’ बजट सत्र में भी मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया गया था, लेकिन लोकसभा अध्यक्ष ने उसे मंजूर नहीं किया था। वाईएस जगनमोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने प्रस्ताव स्वीकार न होने पर सदन में जमकर हंगामा किया था। आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा न देने के कारण मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया गया था। वाईएसआर कांग्रेस के सदस्यों ने बाद में संसद की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया था।
लॉटरी से हुआ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस देने वाले का फैसला: संसद के मानसून सत्र में कई विपक्षी सदस्यों ने एक साथ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था। ऐसे में लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को लॉटरी सिस्टम का सहारा लेना पड़ा, ताकि नोटिस देने वाले सदस्य और पार्टी के नाम की घोषणा की जा सके। लॉटरी में एनडीए के ही पूर्व सहयोगी टीडीपी के सदस्य केसीनेनी श्रीनिवास का नाम सामने आया। हालांकि, लोकसभा अध्यक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस लाने वाले सभी सदस्यों का नाम लिया था। आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग न मानने पर टीडीपी ने शून्य काल के दौरान मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया। संसदीय मामलों के मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि सरकार अविश्वास प्रस्ताव का समाना करने के लिए तैयार है। उन्होंने दो तिहाई बहुमत होने का भी दावा किया। टीडीपी के सदस्यों ने बजट सत्र के दौरान भी मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था, लेकिन अध्यक्ष ने नोटिस को ठुकरा दिया था।