कानून-व्यवस्था के कारण रोका गया था टीएमसी सांसदों को : राजनाथ

केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कहा कि असम के सिलचर हवाई अड्डे पर टीएमसी सांसदों को कानून-व्यवस्था की स्थिति का ध्यान रखते हुए रोका गया था और पार्टी के जनप्रतिनिधियों की तरफ से अशोभनीय बर्ताव भी किया गया था। तृणमूल कांग्रेस ने असम में पार्टी के सांसदों को हवाई अड्डे परे रोके जाने पर देश में ‘अघोषित आपातकाल’ होने का आरोप लगाया है।
लोकसभा में शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे पर जवाब देते हुए गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि असम सरकार को मीडिया और खुफिया सूत्रों से जानकारी मिली थी कि तृणमूल कांग्रेस के जनप्रतिनिधियों के आने से कानून-व्यवस्था की स्थिति प्रभावित हो सकती है। उपायुक्त (डीसी) ने गुरुवार दोपहर 1:55 बजे सिलचर हवाई अड्डे पर उतरे तृणमूल सांसदों, विधायकों की यथोचित प्रोटोकॉल के साथ अगवानी की और निषेधाज्ञा (धारा 144) का उल्लेख करते हुए उनसे वापस जाने का अनुरोध किया।

उन्होंने बताया कि प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने सिलचर हवाई अड्डे पर अधिकारियों के साथ बहस की और उन्होंने अशोभनीय स्थिति भी पैदा की जहां धक्कामुक्की में हवाई अड्डे की दो महिला सुरक्षाकर्मी चोटिल हुर्इं और साथ ही अन्य यात्रियों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ा। बाद में कोलकाता और दिल्ली की कोई उड़ान नहीं होने और तृणमूल सांसदों के वापस नहीं जाने पर उन्हें सीआरपीसी की धारा 151 के तहत हिरासत में लिया गया और उनके लिखित अनुरोध पर रात को हवाई अड्डे के विश्रामगृह में ठहराया गया।
सिंह ने कहा कि कोलकाता जाने वाले प्रतिनिधिमंडल के सदस्य शुक्रवार सुबह 7:40 बजे की उड़ान से रवाना हो गए।

इससे पहले शून्यकाल में इस विषय को उठाते हुए तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी ने कहा कि एनआरसी के मुद्दे पर सिलचर में लोगों से बातचीत करने और स्थिति का आकलन करने पहुंचे पार्टी के छह सांसदों को असम पुलिस ने हवाई अड्डे से निकलने नहीं दिया। पार्टी की लोकसभा सदस्य काकोली घोष दस्तीदार, ममता ठाकुर, रत्ना डे नाग व अर्पिता घोष और राज्यसभा सदस्य सुखेंदु शेखर राय व नदीमुल हक ने अधिकारियों से कहा कि हम कोई जनसभा करने नहीं केवल हालात का आकलन करने जा रहे हैं, लेकिन असम पुलिस ने उनके साथ बदसलूकी की।

असम से भाजपा सांसद विजया चक्रवर्ती ने कहा कि असम में धारा 144 लगी होने के साथ पूरी तरह शांतिपूर्ण माहौल है लेकिन तृणमूल कांग्रेस सांसद माहौल बिगाड़ने के लिए वहां गए। चक्रवर्ती ने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि असम में गृह युद्ध हो सकता है। उन्हें माहौल बिगाड़ने का प्रयास करने के लिए गिरफ्तार किया जाना चाहिए। कांग्रेस के गौरव गोगोई ने कहा कि असम के लोग इस नाजुक समय में धैर्य दिखा रहे हैं, ऐसे में उत्तेजक भाषणों से कुछ नहीं होगा।
कांग्रेस के ही अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि भड़काऊ भाषण नहीं दिए जाने चाहिए। गृह युद्ध के हालात कहीं नहीं हैं। असम के कोकराझार से निर्दलीय सांसद नभ कुमार सरनिया ने कहा कि उनके क्षेत्र के तीन लाख लोगों का नाम एनआरसी में नहीं आया है लेकिन लोग उम्मीद कर रहे हैं कि अंतिम सूची में उनका नाम आएगा।

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