कोर्ट के सामने जाट लड़की की कर दी हत्या और पति को नहीं करने दिया पत्नी का अंतिम संस्कार

हरियाणा और देश के अन्य राज्यों के कई हिस्सों में आज भी ऑनर किलिंग की जाती है। हाल ही में ऑनर किलिंग का दिल दहला देने वाला केस हरियाणा के रोहतक से सामने आया है। यहां 18 साल की जाट लड़की को ऑनर किलिंग के तहत मौत के घाट उतार दिया गया। आठ अगस्त के दिन पीड़िता जिस वक्त दलित युवक से शादी करने के केस में अपना बयान दर्ज कराने कोर्ट जा रही थी, उस वक्त उसे कुछ अज्ञात बदमाशों द्वारा गोली से उड़ा दिया गया। इस मामले में पुलिस ने पीड़िता के चार रिश्तेदारों को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की जांच की जा रही है। परिवार के सदस्यों के ऊपर आरोप है कि पीड़िता द्वारा पिछले साल परिवार की मर्जी के बगैर दलित युवक के साथ शादी करने के कारण उसको मौत के घाट उतारा गया है।

पीड़िता का पति उसका अंतिम संस्कार करना चाहता था, लेकिन उसे ऐसा करने की अनुमति नहीं दी गई। पीड़िता के गांव गड्डी खेरी, जो कि जाट बहुल इलाका है, वहां की पंचायत ने पीड़िता के शव को गांव में लाने के खिलाफ आदेश दिया, जिस वजह से उसके रिश्तेदारों ने उसका शव लेने से इनकार कर दिया। पीड़िता के दलित पति के गांव सिंघपुरा के लोगों ने भी शव लेने से मना कर दिया। सिंघपुरा के लोगों का कहना था कि उनका गड्डी खेरी से भाईचारे जैसा रिश्ता है, ऐसे में वे लोग भी उसका शव नहीं ले सकते।

पीड़िता का पति जो इस वक्त अपने पिता के साथ जेल में बंद है, उसने अंतिम संस्कार करने की परमिशन मांगी, लेकिन उसकी अपील को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि उनकी शादी अभी भी एक बड़ा सवाल है। हालांकि रोहतक के स्थानीय कार्यकर्ताओं का कहना है कि पीड़िता के पति को उसका अंतिम संस्कार करने की परमिशन इसलिए नहीं मिली क्योंकि इसकी अनुमति देने से क्षेत्र में जातिगत हिंसा हो सकती थी।

शादी के वक्त नाबालिग थी पीड़िता
दरअसल, पीड़िता और उसके पति ने पिछले साल जिस वक्त शादी की थी, उस वक्त पीड़िता 17 साल की थी। दोनों ने रोहतक से भागकर दिल्ली जाकर आर्य समाज के मंदिर में शादी की और इस साल जनवरी में वापस आए। दोनों ने मजिस्ट्रेट के सामने जाकर सुरक्षा की गुहार लगाई, लेकिन पीड़िता के परिवार ने आकर यह बात कही कि लड़के ने जबरदस्ती भगाकर उससे शादी की थी। शादी के वक्त लड़की नाबालिग थी, इसलिए लड़के और उसके पिता को गिरफ्तार कर लिया गया। पीड़िता ने अपने परिवार के साथ रहने से मना कर दिया, इसलिए उसे कर्नाल में शेल्टर होम में रखा गया, जहां से वह इस केस के संबंध में अक्सर ही बयान दर्ज कराने रोहतक कोर्ट जाती थी। 8 अगस्त को भी वह बयान दर्ज कराने की जा रही थी, लेकिन इस बार वह पहली बार बालिग होने के बाद बयान दर्ज कराने जा रही थी।

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