सीएम योगी आदित्यनाथ पर डॉ कफील का पलटवार, बोले- मरने वाले बच्चों के घरवालों के साथ मत कीजिए राजनीति

गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में शिशुओं की मौत के मामले में डॉक्टर कफील खान ने राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि शिशुओं की मौत पर सीएम झूठ बोल रहे हैं। वह इस मुद्दे का इस्तेमाल राजनीतिक लाभ के लिए कर रहे हैं। एक न्यूज चैनल से बातचीत में डॉक्टर कफील ने कहा कि यह बहुत दुखद है कि यूपी के सीएम राजनीतिक लाभ के लिए झूठ बोल रहे हैं। उनका कहना है कि हॉस्पिटल में शिशुओं की मौत ऑक्सीजन की कमी की वजह से नहीं हुई है। जबकि इलाहाबाद हाईकोर्ट में सरकार ने दिए अपने हलफनामे में कहा है कि बच्चों की मौत ऑक्सीजन की कमी की वजह से हुई थी। क्योंकि ऑक्सीजन सप्लाई के लिए भुगतान नहीं किया गया था। कफील ने आगे कहा कि एक आरटीआई के जवाब में भी सरकार ने इस बात को स्वीकार किया है। इसमें बताया गया कि ऑक्सीजन सिलिंडर का भुगतान विक्रेता को नहीं किया गया। यही मेडिकल कॉलेज में सिलिंडरों की कमी का कारण था। कफील ने आगे कहा कि सीएम मामले में स्वास्थ्य मंत्री को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। एक साल बाद अब उन बच्चों के घरवालों के साथ राजनीति ना करें सीएम।

बता दें कि सीएम योगी का मानना है कि उनकी अपनी कर्मभूमि गोरखपुर स्थित बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज में पिछले साल अगस्त में 24 घंटों के दौरान बड़ी संख्या में बच्चों के मारे जाने की घटना को वहां की ‘आंतरिक राजनीति‘ के कारण तूल मिली थी और ऑक्सीजन की कमी के कारण कोई मौत नहीं हुई थी। मुख्यमंत्री के इस बयान पर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि योगी अपनी घोर विफलता को छुपाने के लिये अनर्गल बातें कर रहे हैं। सीएम योगी ने यहां पोषण अभियान ओर सुपोषण स्वास्थ्य मेले का उद्घाटन करने के बाद कहा कि पिछले साल 10/11 अगस्त को गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी की वजह से बड़ी संख्या में मरीज बच्चों की मौत की खबर सुनकर उन्हें दो वर्ष पुरानी एक ऐसी ही घटना याद आयी थी, जब एक मीडिया रिपोर्टर ने अस्पताल कर्मियों द्वारा वार्ड में ना घुसने देने के कारण उपजी नाराजगी में गलत खबर दे दी थी।

उन्होंने कहा ‘‘पिछले साल जब मुझे फिर ऐसी खबर मिली तो मैंने सोचा कि दो वर्ष पहले भी ऐसी बात सामने आयी थी, हो सकता है कि यह भी वही मुद्दा हो…. लेकिन जब मैंने देखा कि एक-एक करके सारे चैनल और पूरे मीडिया ग्रुप ने उसको इशू बनाया है तो मैंने यहां से डीजी हेल्थ को गोरखपुर भेजा, रिपोर्ट मांगी। साथ ही मैंने अपने स्वास्थ्य मंत्री और चिकित्सा शिक्षा मंत्री को भी वहां भेजा और कहा कि वहां जाकर रिपोर्ट करिए।’’

गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में हुई उस घटना पर करीब एक साल बाद खुलकर बोले मुख्यमंत्री ने कहा ‘‘अगले दिन मैंने अपना वहां (गोरखपुर मेडिकल कॉलेज) का कार्यक्रम बनाया। मैंने लोगों से पूछा कि आखिर क्या मामला है तो कहा गया कि ऐसा कुछ भी मामला नहीं है…. और अगर ऑक्सीजन के अभाव से मौत होती तो सबसे पहले वे बच्चे मरते जो वेंटिलेटर पर थे। मैंने कहा कि कोई बात तो जरूर होगी। ये आंकड़े कहां से आये। पता लगा कि यह वहां की आंतरिक राजनीति थी।’

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