शिशु में टॉन्सिल की समस्या से छुटकारा पाने के बेहतरीन उपाय
टॉन्सिल की समस्या न केवल छोटे बच्चों में बल्कि बड़े लोगों में बहुत ही आम समस्या है। जो आमतौर पर ठंड के मौसम में अधिक देखने को मिलती है। हालाँकि, कुछ लोगों के इसके बारे में कुछ खास पता नहीं है। इसलिए बारे में आपको अच्छे से बताएँगे।
टॉन्सिलिटिस क्या है?
यह समस्या टॉन्सिल में सूजन या संक्रमण के कारण फैलती है। लेकिन, छोटे बच्चों में यह परेशानी वायरस के कारण होती है। यह जीभ के ऊपर और पीछे गले के दोनों तरफ होती है। यह हमारे इम्यूनिटी सिस्टम का एक हिस्सा है जो शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद करता है।
कितने साल के बच्चे को होती है यह समस्या ?
यह समस्या किसी भी उम्र के बच्चे को हो सकती है लेकिन, ज्यादातर यह एक साल के बाद के बच्चों को होती है। जो कि एक हफ्ते के अंदर ठीक हो जाती है।
बच्चों में टॉन्सिल के लक्षण क्या हैं?
गले में खराश
गले में खराश इसका सबसे बड़ा लक्षण माना जाता है, क्योंकि जो बच्चे थोड़ा बोलना शुरू करते हैं उनका आवाज सही से नहीं निकल पाता है।
मुंह से लार का निकलना
कभी-कभी, छोटे बच्चों में सामान्य की तुलना में बहुत अधिक लार निकलने लगता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि, जब शिशु में टॉन्सिल की समस्या उत्पन्न होती है तब उसे निगलने में दर्द होता है।
इसके अलावा इनके लक्षण में यह भी हो सकते हैं-
बच्चों में यह समस्या कैसे उत्पन्न होती है ?
बच्चों में यह समस्या बेहद आम बात है। हालाँकि, टॉन्सिल की समस्या सबसे अधिक सर्दी के मौसम में होती है। क्योंकि, इन दिनों इसका वायरस हवा में या सीधे संपर्क में आने के कारण बहुत तेज़ी से फैलता है।
बच्चों में इसका उपचार कैसे करें ?
बच्चों में इसका उपचार निम्न तरीके से कर सकते हैं, जो निम्न हैं-
शहद और नींबू
शहद में पाया जाने वाला एंटी बैक्टीरियल गुण टॉन्सिल के सूजन को कम करने का काम बखूबी करता है। लेकिन, यह और अधिक फायदा तब करता है जब आप इसमें कुछ बूंद नींबू का मिलाकर अपनेशिशु को दें। इससे काफी आराम मिलेगा, लेकिन ध्यान रहे इसका सेवन छह महीने से ऊपर के बच्चों को कराया जाना चाहिए।
केला
इस समय दर्द होने के कारण शिशु को कुछ नहीं खाया जाता है, लेकिन इस समय आप उसे कुछ ऐसी मुलायम चीज़ें दें जो उससे खाया जा सके। इसके लिए आप केला दे सकती हैं, जिसे वह आसानी से खा सकता है।
गुनगुना पानी
अपने बच्चे को हल्का गुनगुना पानी दें, जिससे कि गले की सूजन से राहत मिल सके। ध्यान रहे पानी हल्के तौर पर गुनगुना हो।
गर्म तेल से मालिश
नवाजत शिशु में इस तरह की समस्या उत्पन्न होने पर आप उसके गले को हल्के सरसो के तेल को गुनगुना कर के मालिश करें इससे काफी आराम मिलेगा।
शिशु के कमरे का ध्यान रखें
शिशु के बेडरूम में एक वैपोराइज़र या ह्यूमिडिफायर का प्रयोग करें।
यदि इन सब के बावजूद कोई फर्क नज़र है आ रहा हो तब आप शिशु को डॉक्टर के पास लेकर जाएँ। क्योंकि, इस दौरान उसे बुखार की समस्या हो सकती है, इसलिए डॉक्टर कुछ दवा दे सकते हैं ताकि बुखार कुछ कम हो सके।