सामने जेटली बैठे थे, नायडू ने कहा- मैं जो कहूंगा वो वित्‍त मंत्री को अच्‍छा नहीं लगेगा

उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति एम.वैंकेया नायडू ने कहा है कि वह जो बात कहेंगे, वह वित्त मंत्री अरुण जेटली को अच्छा नहीं लगेगी। रविवार (दो सितंबर) को वह नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। खास बात है कि जब ये बात उन्होंने कही, तब उनके सामने ही जेटली बैठे हुए थे। बता दें कि रविवार को उन्होंने उपराष्ट्रपति के नाते अपना एक साल पूरा किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर उनकी किताब का विमोचन किया। ‘मूविंग ऑन मूविंग फॉरवर्डः ए ईयर इन ऑफिस’ के अनावरण के समय कार्यक्रम में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, एचडी देवगौड़ा, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन और केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली समेत अन्य लोग और मेहमान उपस्थित थे।

उपराष्ट्रपति ने इस दौरान कहा, “कृषि क्षेत्र को लगातार सहारा दिए जाने की जरूरत है। वित्त मंत्री भी यहां हैं। हो सकता है कि उन्हें मेरी बात पसंद न आए, क्योंकि उन्हें सबका ख्याल रखना पड़ता है। मगर आगामी दिनों में कृषि क्षेत्र के प्रति अधिक ध्यान देना पड़ेगा। वरना लोग इसमें लाभ न होने के कारण खेती-किसानी छोड़ने लगेंगे।”

नायडू आगे बोले, “संसद की कार्यशैली को लेकर मैं थोड़ा नाखुश हूं। क्योंकि वह उस तरह काम नहीं कर रही, जैसे उसे करना चाहिए। बाकी चीजों में हम आगे बढ़ रहे हैं। विश्व बैंक, एशियन डेवलपमेंट बैंक और वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम जो भी रेटिंग दे रहे हैं, वे अच्छी हैं। आर्थिक मोर्चे पर जो कुछ भी हो रहा है, वह हर भारतीय के लिए गर्व की बात है।”

पीएम मोदी ने इस मौके पर कहा, “अटल जी नाइडू जी के जिम्मे एक मंत्रालय देना चाहते थे। वैंकेया जी ने कहा था, ‘मैं ग्रामीण विकास मंत्री बनना चाहूंगा।’ वह दिल से किसान हैं। किसानों और कृषि क्षेत्र के कल्याण के लिए वह समर्पित रहते हैं।”

वहीं, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने बताया, “उपराष्ट्रपति दफ्तर में वह अपने राजनीतिक और प्रशासनिक अनुभव को लेकर आए, जिसकी झलक उनके एक साल के कार्यकाल में देखने को मिली। लेकिन अब और बेहतर होना बाकी है। एक शायर ने कहा है- सितारों के आगे जहां और भी है, अभी इश्क के इम्तेहां और भी हैं।”

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