मालदीव: आम चुनावों में राष्‍ट्रपति अब्‍दुला यामीन की सत्‍ता पलट

नई दिल्‍ली: तानाशाही की तरफ बढ़ रहे पड़ोसी देश मालदीव के आम चुनावों में राष्‍ट्रपति अब्‍दुला यामीन की सत्‍ता अप्रत्‍याशित रूप से उखड़ गई. नियम-कायदों को ताक पर रखकर अब्‍दुला यामीन जिस तरह से मालदीव में शासन कर रहे थे, उसमें इस तरह के चुनावी नतीजों की उम्‍मीद नहीं थी. कूटनीति के लिहाज से यामीन की हार से यदि सबसे ज्‍यादा चीन को नुकसान होने वाला है तो दूसरी तरफ भारत के लिए यह सबसे बड़ी राहत की खबर है.

ऐसा इसलिए क्‍योंकि 2013 में सत्‍ता में अब्‍दुल्‍ला यामीन के आने के बाद चीन ने वहां अपना जाल बिछाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. नतीजतन यामीन चीन के करीब और भारत से दूर होते गए. उन्‍होंने चीन को भारत की कीमत पर वह सब-कुछ देने की कोशिश की जो सामरिक दृष्टि से चीन के लिए उपयोगी था. इस कड़ी में पिछले सितंबर में मालदीव ने चीन के साथ मुक्‍त व्‍यापार समझौता किया. चीन के साथ मैरीटाइम सिल्‍क रूट से जुड़े एमओयू पर हस्‍ताक्षर किए. तमाम इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर प्रोजेक्‍ट भारत से छीनकर चीन को दिए गए. भारत के दो मिलिट्री हेलीकॉप्‍टर मालदीव में हैं. यामीन ने उनको लौटाने की घोषणा कर दी. दरअसल हिंद महासागर में मालदीव की भौगोलिक स्थिति सामरिक दृष्टि के लिहाज से चीन के लिए बेहद उपयोगी है. इसलिए वह मालदीव के साथ संबंध मजबूत करने का इच्‍छुक है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *