गुजरात में यूपी-बिहार के लोगों पर हमला, कांग्रेस बोली- ‘PM को भी वाराणसी जाना है’
गांधी नगर: गुजरात के साबरकांठा जिले में 14 महीने की बच्ची से रेप की घटना के बाद बिहार-उत्तर प्रदेश के लोगों सहित गैर-गुजरातियों पर कथित तौर पर हमला होने की घटना राजनीतिक रंग ले चुकी है. कांग्रेस इस मुद्दे को राजनीतिक रंग देने में जुट गई है. एक तरफ जहां कांग्रेस के विधायक अल्पेश ठाकोर ने सोमवार को गुजरात बंद की घोषणा कर दी है वहीं मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष संजय निरुपम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ही चुनौती दे दी है. हालांकि हमला मामले में पुलिस ने अब तक 342 लोगों को गिरफ्तार किया है.
न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने कहा, ‘पीएम के गृह राज्य (गुजरात) में अगर यूपी, बिहार और एमपी के लोगों को मार-मार के भगाया जाएगा तो एक दिन पीएम को भी वाराणसी जाना है, ये याद रखना. वाराणसी के लोगों ने उन्हें गले लगाया और पीएम बनाया था.’
इस बीच कांग्रेस विधायक अल्पेश ठाकोर ने घोषणा की कि इन हमलों के मद्देनजर उनके समर्थकों के खिलाफ दर्ज किये गये ‘‘झूठे मामलों’’ को यदि सरकार ने वापस नहीं लिया तो वह 11 अक्टूबर से ‘सद्भावना’ उपवास करेंगे.
गुजरात के कई हिस्सों में गैर- गुजरातियों, खासतौर पर उत्तर प्रदेश और बिहार के रहने वाले लोगों को निशाना बनाया जा रहा है. गत 28 सितम्बर को एक बच्ची के साथ कथित रूप से बलात्कार करने के लिए बिहार के एक निवासी को गिरफ्तार किये जाने के बाद गैर-गुजरातियों को निशाना बनाया गया और सोशल मीडिया पर घृणा संदेश फैलाये गये.
पुलिस महानिदेशक शिवानंद झा ने पत्रकारों को बताया, ‘मुख्य रूप से छह जिले (हिंसा से) प्रभावित हुए है. मेहसाणा और साबरकांठा सबसे अधिक प्रभावित हुए है. इन जिलों में, 42 मामलें दर्ज किये गये है और अब तक 342 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. जांच के दौरान आरोपियों के नाम सामने आने के बाद और लोगों को गिरफ्तार किया जायेगा.’
उन्होंने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों में राज्य रिजर्व पुलिस (सीआरपी) की 17 कंपनियों को तैनात किया गया है. उन्होंने कहा, ‘गैर-गुजराती के निवास क्षेत्रों और उन कारखानों में जहां वे काम करते हैं, वहां सुरक्षा बढ़ा दी गई है. पुलिस ने इन इलाकों में गश्त भी बढ़ा दी है.’ डीजीपी ने बताया कि सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलाने के लिए दो मामलें दर्ज किये गये है.
हमलों के बाद गैर-गुजरातियों के पलायन के बारे में पूछे गये एक सवाल के जवाब में झा ने कहा कि आने वाले त्योहारों के मद्देनजर वे अपने मूल राज्यों के लिए रवाना हो सकते है. उन्होंने कहा कि सबसे अधिक प्रभावित जिले गांधीनगर में पुलिस अधिकारियों को शिविरों का आयोजन करने और स्थानीय नेताओं के साथ संवाद करने के निर्देश दिये गये है. उन्होंने कहा कि जिलों में अतिरिक्त सुरक्षा बल और वाहन उपलब्ध कराये गये है.