Arvind Kejriwal: तिहाड़ में ही रहेंगे CM केजरीवाल, सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं, 9 मई को होगी अगली सुनवाई
Arvind Kejriwal News: दिल्ली शराब नीति से जुड़े मामले में दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था और उन्होंने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.
Arvind Kejriwal News: दिल्ली शराब नीति से जुड़े मामले में गिरफ्तार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को मंगलवार यानी 7 मई 2024 को भी सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है. अब इस मामले में अगली सुनवाई 9 मई को होगी. कोर्ट ने साफ नहीं किया है कि अंतरिम जमानत पर फैसला कब आएगा.
जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने मामले में सुनवाई के दौरान ईडी से साथ ही कई सवाल किए. जजों ने ईडी की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू से पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी से पहले और बाद की केस फाइलों को पेश करने को भी कहा.
ED ने कोर्ट में क्या कहा?
- ED के वकील ने जजों को बताया कि इलेक्ट्रॉनिक सबूत नष्ट करने और 100 करोड़ रुपए हवाला के जरिए भेजने के आरोप हैं.
- होलसेल व्यापारियों को गलत तरीके से भारी लाभ करवाया गया
- शुरू में हमारी जांच के केंद्र में केजरीवाल नहीं थे. जांच के क्रम में उनका नाम निकल कर सामने आया. यह कहना गलत है कि हमने केजरीवाल को निशाना बनाने के लिए गवाहों से विशेष रूप से उनके बारे में सवाल किए. गवाहों की तरफ से मजिस्ट्रेट के सामने दिए गए धारा 164 के बयान को देखा जा सकता है.
- हमारे पास सबूत हैं कि खुद केजरीवाल ने 100 करोड़ रुपए की मांग की. इस बात के भी सबूत हैं कि वह गोवा चुनाव के समय जिस 7 स्टार होटल हयात में रुके थे, उसके बिल का भुगतान चैरियट इंटरप्राइजेज ने किया.
- केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई के दौरान सॉलिसीटर जनरल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में मिनी ट्रायल नहीं चल सकता.
- लोकसभा चुनाव के मद्देनजर अरविंद केजरीवाल को जमानत देने की चर्चा पर सॉलिसीटर जनरल ने कहा कि यह गलत उदाहरण होगा. अगर फसल के मौसम में कोई किसान जेल में हो, तो क्या उसे बेल नहीं मिलनी चाहिए. एक नेता को अलग से रियायत क्यों मिले. उन्होंने आगे कहा कि अक्टूबर में बुलाया गया था, अगर वह आ जाते तो यह नौबत नहीं आती. सुनवाई लंबी चलेगी, यह भी अंतरिम जमानत का आधार नहीं हो सकता. यह संदेश नहीं जाना चाहिए कि कानून की निगाह में नेता आम नागरिक से अलग है.
- कोर्ट यह संकेत न दे कि राजनेता आम नागरिकों से अलग वर्ग है. कोर्ट नाई, मजदूर, व्यापारी, नेता सबके मौलिक अधिकारों का संरक्षक है. कई कंपनियों के मैनेजिंग डायरेक्टर भी जेल में हैं. क्या उनको कंपनी का काम करने के लिए बेल मिल सकती है?
- यह व्यक्ति एक सक्षम कोर्ट के आदेश के चलते न्यायिक हिरासत में है. उस आदेश पर विचार किए बिना, सिर्फ चुनाव के नाम पर उसे बाहर कर देना गलत होगा.
जज ने सुनवाई के दौरान क्या कहा?
- 100 करोड़ प्रोसिड्स ऑफ क्राइम है, लेकिन घोटाले को 1100 करोड़ का बताया जा रहा है. इतनी बढ़त कैसे हुई.
- जज ने प्रवर्तन निदेशालय के वकील से कहा कि आपने सभी पहलुओं को दर्ज करते हुए केस डायरी बना रखी होगी. हम वह देखना चाहेंगे.
- क्या गिरफ्तारी में PMLA सेक्शन 19 का सही तरीके से पालन हुआ? पहली गिरफ्तारी के बाद केजरीवाल को गिरफ्तार करने में 2 साल का समय लग जाना सही नहीं लगता.
- सुनवाई के दौरान जस्टिस खन्ना ने कहा कि हम सेक्शन 19 (गिरफ्तारी की धारा) के दायरे भी तय करना चाहते हैं. यह सुनवाई इसलिए भी है.
- जस्टिस खन्ना ने ED के वकील एस वी राजू से कहा कि यह चुनाव का समय है. दिल्ली के मुख्यमंत्री जेल में हैं. ED के फसल और किसान वाले उदाहरण पर जज ने कहा कि आम चुनाव 5 साल में आता है. फसल का मौसम हर 6 महीने में आता है. हम सभी बातों को सुनेंगे. हमने इस बात को भी नोट किया है कि वह 6 महीने तक समन पर पेश होने से बचते रहे.
- मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के वकील से जस्टिस दत्ता ने कहा कि आप ध्यान रखें कि अगर चुनाव नहीं होता तो हम अंतरिम जमानत पर विचार भी नहीं करते.
- जस्टिस खन्ना ने कहा कि कृपया यह मत समझिए कि हम नेताओं को अलग कर देख रहे हैं. हर वर्ग के व्यक्ति की अपनी विशेष परिस्थितियां हो सकती हैं, जिसके लिए उसकी अंतरिम रिहाई पर विचार हो सकता है.
- कोर्ट ने कहा है कि परसों या अगले सप्ताह आगे सुनवाई होगी. अंतरिम जमानत वाले पहलू को लेकर हुई बहस पर वह चैंबर में विचार करेंगे.
अरविंद केजरीवाल के वकील ने क्या कहा?
- सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का पक्ष वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने रखा. उन्होंने कहा कि दिल्ली में 25 मई को चुनाव है, पंजाब में 1 जून को. कोर्ट ने कुछ समय सुनवाई के बाद इस बात को समझा है कि केजरीवाल कोई आदतन अपराधी नहीं हैं. उन पर कोई ऐसा गंभीर आरोप नहीं कि रिहा करना गलत होगा, लेकिन यहां दूसरे पक्ष की तरफ से यह दिखाने की कोशिश की जा रही है कि सिर्फ चुनाव के चलते सभी पहलुओं की उपेक्षा की जा रही है.
- उन्होंने कहा कि पहले भी ऐसा हुआ है कि जमानत पर बाहर आए व्यक्ति को राजनीतिक गतिविधियों में हिस्सा लेने दिया गया है.
- सिंघवी ने कहा कि केजरीवाल घोटाले की जांच के दौरान भी मुख्यमंत्री थे और उन्हें काम से रोकना काफी अपमानजनक होगा.
- उन्होंने केजरीवाल के हवाले से कहा कि मैं वचन दे सकता हूं कि मैं कोई फाइल साइन नहीं करूंगा. जब ED के वकील ने कहा कि केजरीवाल बिना विभाग के मुख्यमंत्री हैं. इनके साइन करने का मतलब नहीं है. जवाब में सिंघवी ने कहा कि ऐसा नहीं है. केजरीवाल हर दिन 10 फाइल साइन कर रहे हैं.खबर एबीपी