कांग्रेस प्रवक्ता ने जनरल बक्शी को बताया बीजेपी का प्रवक्ता, पूछा- आपने जीती थी 71 की लड़ाई

भारतीय सेना द्वार म्यांमा सीमा पर नगा उग्रवादियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई एक बार फिर राजनीति की भेंट चढ़ गई। जहां एक तरफ इसे सर्जिकल स्ट्राइक बताकर बढ़ा चढ़ा कर पेश करने की कोशिश की गई तो कांग्रेस द्वारा इस आम ऑपरेशन बताकर कम महत्व का दिखाने का प्रायस किया गया। मीडिया में आई जानकारी के अनुसार नगा उग्रवादी संगठन नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल आॅफ नगालैंड-खापलांग (एनएससीएन-के) के गुरिल्ले भारतीय सेना की टुकड़ी पर हमला करने की ताक में थे। सेना की पूर्वी कमान ने बयान जारी कर कहा है, ‘जवाबी गोलीबारी में उग्रवादियों को भारी नुकसान पहुंचा है।’ सेना के एक आला अधिकारी ने बताया, यह जून 2015 के अभियान से बड़ी कार्रवाई थी। तब सेना के विशेष दस्ते ने 158 उग्रवादी मारे थे। उस अभियान में 70 कमांडो शामिल हुए थे और सैन्य अभियान 40 मिनट तक चला था।

इसी मुद्दे पर एक टीवी बहस में कांग्रेस प्रवक्ता शमा मोहम्मद दो भूतपूर्व आर्मी अधिकारियों से भिड़ गईं। शमा ने पूर्व मेजर जनरल जीडी बक्शी और ब्रिगेडियर मिश्रा को कुछ ऐसा बोल दिया जो पूर्व आर्मी अधिकारियों को पसंद नहीं आया। सेना की कार्रवाई को आम ऑपरेशन बताने पर जब जीडी बक्शी भड़क गए तो शमा उनके साथ बहस में उतर गई शमा ने उन्हें बीजीपी के प्रवक्ता तक करार दे दिया। शमा ने जब ये कहा कि ये आपकी आर्मी नहीं है। फिर उन्होंने बात संभालते हुए कहा कि ये हम सबकी आर्मी है। लेकिन तबतक जनरल बक्शी भड़क चुके थे। जनरल ने उन्हें याद दिलाया कि उन्होंने सेना में 37 साल सेवा दी है। इसके बाद उन्होंने कहा कि मुझे फर्क नहीं पड़ता कि आप जनरल है कि नहीं। इसके बाद बहस में शामिल ब्रिगेडियर मिश्रा भी बहस में शामिल हो गए और उन्होंने कांग्रेस प्रवक्ता से कहा कि जनरल बक्शी आपसे दूगनी उम्र हैं। इसके बाद शमा ने ये तक बोल दिया कि क्या आप 1971 का युद्ध जीते थे, क्या आप मिजोरम को वापस लाए, क्या आपने आसम शांति प्रस्तात साइन करवाया। वैसे ये पहली बार नहीं है जब कांग्रेस के नेता ने सेना पर हमला किया है इससे पहले कांग्रेसी नेता संदीप दीक्षित सेना के जनरल पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर चुके हैं।

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