इंस्टैंट ट्रिपल तलाक फैसला: तीन तलाक असंवैधानिक करार, छह महीने में केंद्र सरकार को कानून बनाने का आदेश
Triple Talaq Supreme Court Judgement: जस्टिस खेहर ने इंस्टैंट ट्रिपल तलाक पर छह महीने के लिए रोक लगा दी है।
तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। 3-2 से सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को असंवैधानिक करार दिया। साथ ही संसद को छह महीने के अंदर इसपर कानून बनाना होगा। प्रधान न्यायाधीश जे एस खेहर की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने र्गिमयों की छुट्टियों के दौरान छह दिन सुनवाई के बाद 18 मई को अपना फैसला सुरक्षित रखा था। प्रधान न्यायाधीश खेहर के अलावा, पीठ में न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ, न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन, न्यायमूर्ति यू यू ललित और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर शामिल हैं। सुनवाई के दौरान, शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया था कि वह संभवत: बहुविवाह के मुद्दे पर विचार नहीं करेगी और कहा कि वह केवल इस विषय पर गौर करेगी कि तीन तलाक मुस्लिमों द्वारा ‘‘लागू किये जाने लायक’’ धर्म के मौलिक अधिकार का हिस्सा है या नहीं। पीठ ने तीन तलाक की परंपरा को चुनौती देने वाली मुस्लिम महिलाओं की अलग अलग पांच याचिकाओं सहित सात याचिकाओं पर सुनवाई की थी। याचिकाकर्ताओं का दावा था कि तीन तलाक की परंपरा असंवैधानिक है।