दुखद: इलाज के लिए पैसे नहीं जुटा सकी तो मां ने बेटे को कुएं में फेंका, खुद भी कूदकर दे दी जान
यहां एक नाई की पत्नी ने डेंगू पीड़ित अपने छह माह के बेटे को कुंए में फेंक दिया और उसके बाद स्वयं भी उसी कुंए में कूद गई। दरअसल, एक अस्पताल ने महिला के बच्चे के इलाज के लिए रोजाना 5,000 रुपये का खर्च बताया था, जिसे वह वहन नहीं कर सकती थी। पुलिस ने कहा कि यह घटना नामक्कल में सोमवार रात घटी। पी.अंबुकोदी (32) अपने पति के साथ सोमवार को बच्चे के इलाज के लिए सलेम में एक निजी अस्पताल गए थे। अस्पताल ने उन्हें बताया कि बच्चे के इलाज पर रोजाना 5,000 रुपये खर्च आएगा। पुलिस ने बताया कि महिला ने महसूस किया कि वह इलाज का यह खर्च वहन करने में असमर्थ है, लिहाजा उसने अवसाद में आकर सोमवार रात अपने बेटे की हत्या कर खुद आत्महत्या कर ली।
दमकल विभाग ने मंगलवार को दोनों के शव कुंए से निकाले। तमिलनाडु में इस वर्ष डेंगू से 27 लोगों की मौत हो चुकी है। घटना सामने आने के बाद बुधवार को तमिलनाडु सरकार ने कहा कि उसने इसकी रोकथाम के लिए ‘‘युद्ध स्तर पर’’ काम शुरू किया है। स्वास्थ्य मंत्री सी विजय भास्कर ने कहा कि मच्छरों को मारने के प्रयास के लिए 13 . 95 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं।
उन्होंने कहा कि डेंगू को फैलने से रोकने के लिए सरकार द्वारा युद्ध स्तर पर काम शुरू किये गये हैं। 1500 चिकित्सा केन्द्रों और मेडिकल कालेजों में नीलावेम्बू :बुखार के इलाज में प्रयुक्त: जूस दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और उनके निर्देशों के बाद हर गुरूवार को डेंगू उन्मूलन कार्यक्रम चलाये जायेंगे।