अनंत हेगड़े अक्सर गलत कारणों से ही राष्ट्रीय सुर्खियों में रहे, कर्नाटक में उग्र हिंदुत्व का युवा चेहरा

कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ संसदीय क्षेत्र से पांचवीं बार चुनकर लोकसभा पहुंचे अनंत कुमार हेगड़े राजनीति के साथ ही कोरियाई मार्शल आर्ट ताइक्वांडो में भी सिद्धहस्त हैं। ग्रामीण विकास में गहरी दिलचस्पी रखने वाले हेगड़े इस दिशा में काम करने वाले एनजीओ ”कदंबा” के संस्थापक अध्यक्ष भी हैं। उन्हें आज यानि 3 सितंबर को होने वाले मंत्रिपरिषद विस्तार में मोदी सरकार में जगह दिए जाने की संभावना है। ”कदंबा” ग्रामीण विकास, ग्रामीण स्वास्थ्य, एसएचजी, ग्रामीण विपणन और अन्य ग्रामीण कल्याण के क्षेत्र में काम करती है।  हेगड़े मात्र 28 साल की उम्र में पहली बार 1996 में ग्यारहवीं लोकसभा के लिये चुनकर संसद पहुंचे।

उसके बाद वह 1998 :12 वीं:, 2004 :14 वीं:, 2009 :15 वीं: और 2014 :16 वीं:  लोकसभा के लिये चुनकर संसद पहुंचे। लोकसभा सदस्य के रूप में यह उनका पांचवां कार्यकाल है। हेगड़े विदेश मामलों और मानव संसाधन विकास पर संसद की स्थायी समिति के भी सदस्य हैं। संसद सदस्य के तौर पर अपने विभिन्न कार्यकाल के दौरान वह वित्त, गृह, मानव संसाधन विकास, वाणिज्य, कृषि और विदेश मामलों समेत संसद की विभिन्न स्थायी समितियों के सदस्य रह चुके हैं।

हेगड़े का जन्म कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले के सिरसी में 20 मई 1968 को हुआ था। उनके पिता का नाम दत्तात्रेय हेगड़े और मां का नाम ललिता हेगड़े है। उनकी पत्नी का नाम श्रीरूपा हेगड़े है। उन्हें एक पुत्र और एक पुत्री है। उन्होंने कर्नाटक के सिरसी स्थित एम एम आर्ट्स एंड साइंस कॉलेज से इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई की है। वह चार बार भारतीय मसाला बोर्ड के भी सदस्य रह चुके हैं।

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