BJP के पश्चिम बंगाल बंद का दिखने लगा असर, 40 घंटे तक देरी से चल रही हैं ट्रेनें

नई दिल्ली/कोलकाता: उत्तर दिनाजपुर जिले के इस्लामपुर में दो छात्रों की फायरिंग में मौत के विरोध और मामले की सीबीआई जांच कराने को लेकर बीजेपी ने बुधवार (26 सितंबर) सुबह 6 से शाम को 6 बजे तक 12 घंटे का पश्चिम बंगाल बंद बुलाया है. बीजेपी के पश्चिम बंगाल का असर अब धीरे-धीरे दिखने लगा है. बंद का सबसे ज्यादा असर हुगली, नॉर्थ 24 परगना और पश्चिमी मिदनापुर में दिख रहा है. एनएच-60 पर प्रदर्शनकारियों ने दो सरकारी बसों में तोड़फोड़ की. प्रदर्शनकारियों ने रास्ता जाम कर बसों के टायरों में आग लगा दी है. बसों के ड्राइवर हेलमेट लगाकर बस को चला रहे हैं. रेल परिवहन पर भी इसका असर पड़ा है. कई ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है और कई ट्रेनों के समय में परिवर्तन किया गया है.

घटना की सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और एनएच-60 पर प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों को मौके से हटाया. आपको बता दें कि आरएसएस ने बंद का समर्थन किया है. बीजेपी ने आपात और जरूरी सेवाओं को बंद के दायरे से बाहर रखा है. बंगाल पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं.

किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोकने के लिए कोलकाता में 4 हजार तथा राज्य भर में बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया जाएगा. राज्य सरकार ने बंद के दौरान 26 हजार सरकारी बसों के अलावा ट्राम और लांच चलाने की व्यवस्था की है.

बीजेपी के पश्चिम बंगाल का असर अब धीरे-धीरे दिखने लगा है. रेल परिवहन पर भी इसका असर पड़ा है. प्रदर्शनकारियों ने हावड़ा-वर्धमान मेन लाइन पर प्रदर्शन कर ट्रेनों के संचालन को बाधित किया. बुधवार सुबह ही पश्चिम बंगाल के पूर्व बर्दवान जिले के नादनघाट क्षेत्र में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने रेल रोक दी. बंद की वजह से ट्रेनें अब 6-40 घंटे की देरी से चल रही है.

मंगलवार को बीजेपी के राज्य इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा था कि इस सरकार से लोग परेशान हो चुके हैं. इस बंद में वह शांतिपूर्ण तरीके से शामिल होंगे. लेकिन अगर तृणमूल और उसके गुंडे बंद में गड़बड़ करने की कोशिश करेंगे तो इसके नतीजे से भुगतने होंगे. वहीं, तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने आरोप लगाए कि बीजेपी राज्य में विकास कार्यों को रोकना चाहती है.

तृणमूल के महासचिव पार्थ चटर्जी ने व्यावसायिक प्रतिष्ठानों और निजी शिक्षण संस्थानों से आग्रह किया कि वे बुधवार को सामान्य रूप से अपनी गतिविधियां संचालित करें. विपक्षी कांग्रेस और माकपा ने इस्लामपुर में दो छात्रों की हत्या का विरोध कर रही हैं, लेकिन उन्होंने बंद का समर्थन नहीं किया. दोनों पार्टियां बीजेपी और तृणमूल पर इस घटना पर राज्य में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण कराने का आरोप लगाया है.

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