लक्ष्मी जी की पूजा में नहीं रखनी चाहिए तुलसी, ये है वजह

हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले लोग बड़ी ही श्रद्धा के साथ लक्ष्मी माता की पूजा करते हैं। ऐसी मान्यता है कि लक्ष्मी मां के आशीर्वाद से धन की प्राप्ति होती है। धन की देवी कही जाने वाली लक्ष्मी मां की पूजा विशेष तौर पर शुक्रवार के दिन की जाती है। शुक्रवार को लक्ष्मी मां का दिन कहा जाता है। इस दिन उनके भक्त बड़ी ही श्रद्धा के साथ उनकी पूजा-अर्चना करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि अगर आपके पास धन नहीं आता है, या फिर आया हुआ धन

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शुक्रवार को दही खाने से आता है धन, इस मान्यता के पीछे है ये वजह

हिंदू धर्म में सप्ताह के सात दिनों को लेकर अलग-अलग मान्यताएं और विश्वास जुड़े हुए हैं। ऐसी ही एक मान्यता शुक्रवार के दिन से जुड़ी हुई है कि इस दिन दही खाने से धन की प्राप्ति होती है। मालूम हो कि हिंदू धर्म में विश्वास रखने वाले लोगों के लिए दही खाना हमेशा से ही शुभ माना जाता रहा है। ऐसा कहा जाता है कि घर से बाहर निकलने से पहले दही जरूर खा लेना चाहिए। इससे आप रास्ते में किसी भी अनहोनी से बचकर रहते हैं और काम में

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लक्ष्मी जी को समर्पित है शुक्रवार का दिन, ऐसे करें मां को प्रसन्न

हिंदू धर्म में सप्ताह के सभी सात दिनों का अलग-अलग महत्व है। ये सात दिन अलग-अलग देवी-देवताओं को समर्पित किए गए हैं। इसी आधार पर शुक्रवार का दिन माता लक्ष्मी के नाम है। इस दिन भक्त लक्ष्मी मां की पूजा-अर्चना करते हैं। ऐसी मान्यता है कि लक्ष्मी जी की कृपा से घर में धन आता है। इसीलिए लक्ष्मी मां को धन की देवी कहा जाता है। कहते हैं कि लक्ष्मी मां अपने भक्त से प्रसन्न हों तो उसके पास कभी भी धन की कमी नहीं होती और वह सदा अपने

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इस वजह से भगवान शिव मस्तक पर धारण करते हैं चंद्रमा, पढ़ें यह मशहूर प्रसंग

भगवान शिव से जुड़े हुए कई प्रसंग मशहूर हैं। इन्हीं में से एक प्रसंग उनके द्वारा मस्तक पर धारण किए गए चंद्रमा से जुड़ा है। यह प्रसंग अक्सर शिव भक्तों के बीच में उल्लेखित किया जाता रहता है। भगवान शिव को विनाशक के रूप में जाना जाता है, लेकिन उनसे जुड़ा यह प्रसंग हमें बताता है कि वे जीवनदाता भी हैं। शिव पुराण में भी इस प्रसंग का उल्लेख किया गया है। प्रसंग के मुताबिक, समुंद्र मंथन के समय विष निकला था जोकि बहुत ही विनाशकारी था। यह विष इतना

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परशुराम जयंती: क्षत्रिय विरोधी नहीं थे परशुराम, 21 अत्‍याचारी राजाओं का किया था समूल विनाश

पराक्रम के प्रतीक भगवान परशुराम का जन्म 6 उच्च ग्रहों के योग में हुआ, इसलिए वह तेजस्वी, ओजस्वी और वर्चस्वी महापुरुष बने। प्रतापी एवं माता-पिता भक्त परशुराम ने जहां पिता की आज्ञा से माता का गला काट दिया, वहीं पिता से माता को जीवित करने का वरदान भी मांग लिया। इस तरह हठी, क्रोधी और अन्याय के खिलाफ संघर्ष करने वाले परशुराम का लक्ष्य मानव मात्र का हित था। परशुराम ही थे, जिनके इशारों पर नदियों की दिशा बदल जाया करतीं, अपने बल से आर्यों के शत्रुओं का नाश किया, हिमालय

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आज है परशुराम जयंती : पिता के कहने पर काट दिया था माता का सिर, पढ़िए रोचक जानकारी

इस साल ब्राह्मण के कुल गुरु परशुराम की जयंती बुधवार 18 अप्रैल को मनाई जा रही है। यह पर्व हिन्दू पंचांग के वैशाख माह की शुक्ल पक्ष तृतीया को मनाई जाती है। इसे परशुराम द्वादशी भी कहा जाता है। माना जाता है इस दिन किए गए पुण्य का प्रभाव कभी खत्म नहीं होता है। परशुराम जी की गणना दशावतारों में होती है। परशुराम भगवान को भगवान विष्णु का छठा अवतार माना जाता है। परशुराम को भगवान विष्णु और भगवान शंकर का संयुक्त अवतार माना जाता है। एक बार परशुराम भगवान

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कल मनाई जा रही हनुमान जयंती, जानें क्या बन रहा है कल विशेष संयोग

इस साल 31 मार्च को देशभर में हनुमान जंयती मनाई जा रही है। कहा जाता है इस दिन हनुमान जी की पूजा करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है। इस पर्व को दुनिया भर में हनुमान भक्तों द्वारा धूमधाम से मनाया जाता है। हनुमान जी को भगवान राम का परम भक्त माना जाता है। हनुमान जी को भगवान शिव के 11 वें अवतार के रुप में भी जाना जाता है। इस दिन पूजा करना व व्रत करना बहुत फलदायी माना जाता है। ज्योतिषियों के अनुसार में आज का दिन

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Happy Mahavir Jayanti 2018: जानें महावीर को क्यों कहा जाता है वर्धमान और क्या है इसका इतिहास

महावीर जैन धर्म के संस्थापक थे। इन्होंने तत्कालीन ब्राह्मण धर्म से अलग मानव मात्र की एकता और समता के विचारों का प्रतिपादन किया जो उस समय बहुत ही क्रान्तिकारी विचार था। भारतीय और पाश्चात्य दार्शनिकों ने महावीर के दर्शन को भौतिकवादी दर्शन माना है। इन्होंने वेदों पर आधारित धर्म से अलग एक नया चिंतन प्रस्तुत किया, जिसे उस समय बहुत से लोगों ने अपनाया। इनके महात्मा बुद्ध दूसरे दार्शनिक माने जाते हैं, जिन्होंने प्रचलित वैदिक या कहें सनातन धर्म से अलग हट कर उन विचारों का प्रतिपादन किया जो बहुसंख्यक

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इस समय करें जवारे का विसर्जन, जानिए इसका विधि-विधान

25 मार्च को चैत्र नवरात्र खत्म हो रहे हैं। नवमी के बाद दशमी तिथि के दिन जवारे और देवी प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाएगा। हिंदू धर्म में विसर्जन का बहुत महत्व है। विसर्जन का अर्थ पूर्णता होता है। चाहे वह जीवन की हो या साधक की। शास्त्रों के मुताबिक विसर्जन का अर्थ समाप्ति नहीं बल्कि पूर्णता होता है। इसलिए नवरात्र के बाद जवारे और प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाता है। 26 मार्च को नवरात्रे के पहले दिन स्थापित किए गए जवारे विधि पूर्व विसर्जन किया जाएगा। विसर्जन से पहले मां

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रामनवमी 2018 व्रत कथा: जानिए भगवान राम की वह कथा जिसमें एक गरीब बुढ़िया बन गई अमीर

भगवान राम के जन्मदिन के मौके पर देशभर में रामनवमी मनाई जाती है। इस साल रामनवमी का पर्व 25 मार्च को मनाया जा रहा है। कहा जाता है इस दिन विष्णु भगवान ने भगवान राम के रूप में अवतार लिया था। पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान राम ने भी मां दुर्गा की पूजा की थी, जिससे कि उन्हें युद्ध के समय विजय मिली थी। माना जाता है इस दिन तुलसीदास जी नेरामचरित मानसे की रचना का आरंभ किया। शास्त्रों के अनुसार जो भी राम नवमी का व्रत करता है वह

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Happy Ram Navami 2018: जानिए किस विधि से करनी चाहिए भगवान राम की पूजा

देशभर में 25 मार्च को रामनवमी मनाई जाएगी। माना जाता है इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ था। भगवान राम को विष्णु जी का सातवां अवतार माना जाता है। माना जाता है कि रामनवमी के दिन अयोध्या में राम का जन्म महाराजा दशरथ और महारानी कौशल्या के घर हुआ था। इसी वजह से बहुत से लोग राम जन्म भूमि अयोध्या जाते हैं और ब्रह्म मुहूर्त में सरयू नदी में स्नान करने के बाद भगवान राम के मंदिर जाकर भक्तिभाव से पूजा-पाठ करते हैं। इस दिन जगह-जगह रामायण का पाठ

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Happy Ram Navami 2018 Wishes Images: इन भक्ति भरे Quotes, Messages और Images से दे अपने करीबियों को रामनवमी की शुभकामनाएं

Happy Ram Navami 2018 Wishes Images, Quotes, Messages, Wallpaper: रामनवमी का त्योहार हर वर्ष चैत्र महीने के 9वें दिन मनाया जाता है। यह त्योहार हिन्दुओं के बड़े धार्मिक त्योहारों में से एक है। कहा जाता है कि इस दिन अयोध्या में भगवान श्री राम का जन्म हुआ था। श्री राम के जन्म के बाद अयोध्या में जश्न मनाया गया। इसकी खास वजह थी राजा दशरथ के कई सालों बाद कोई संतान हुई थी। रामायण के मुताबिक राजा दशरथ की तीन बीवीयां थी। कौशल्या, सुमित्रा और कैकयी। तब से लेकर आजकत

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एक ही दिन पड़ रही है अष्टमी और रामनवमी, जानिए कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त और विधि

हिंदू धर्म में नवरात्र का बहुत महत्व माना जाता है। इस साल चैत्र नवरात्र 18 मार्च से शुरू हो गए हैं और 25 मार्च तक रहेंगे। इस बार पिछले कई सालों की अष्टमी और नवमी तिथि एक ही दिन पड़ रही है। 25 मार्च को नवरात्रि का आखिरी दिन है और इस दिन रामनवमी भी मनाई जाएगी। ऐसा तिथि घटने और बढ़ने के कारण होता है। नवरात्र के आठवें और नौवें दिन कन्या पूजन और 9 कन्याओं को घर बुलाकर खाना खिलाने का विधान होता है। नवमी के दिन कन्याओं

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Ram Navami 2018 Date: जानिए किस दिन मनाई जाएगी रामनवमी और पूजा का शुभ मुहूर्त

Ram Navami 2018 Date: चैत्र नवरात्र के 8 दिन बाद रामनवमी मनाई जाती है। इस साल रामनवमी 25 मार्च को मनाई जा रही है। हिंदू धर्म में रामनवमी को पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। माना जाता है इस दिन भगवान विष्णु के अवसार श्रीराम का जन्मदिन होता है। मान्यता है कि रामनवमी के दिन अयोध्या में राम का जन्म महाराजा दशरथ और महारानी कौशल्या के घर हुआ था। इसी वजह से बहुत से लोग राम जन्म भूमि अयोध्या जाते हैं और ब्रह्म मुहूर्त में सरयू नदी में स्नान कर

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Navratri 2018: आज है सातवां नवरात्र मां कालरात्रि का दिन, जानिए शुंभ-निशुंभ के वध की कथा

आज (24 मार्च) को सातवां नवरात्रि है। इस दिन दुर्गा के सातवें रूप कालरात्रि की पूजा की जाती है। इस दिन साधक का मन ‘सहस्रार’ चक्र में स्थित रहता है। इनका रंग काला होने के कारण ही इन्हें कालरात्रि कहते हैं। कालरात्रि का जन्म असुरों के राजा रक्तबीज का वध करने के लिए देवी दुर्गा ने अपने तेज से किया था। पौराणिक कथा के अनुसार दैत्य शुंभ-निशुंभ और रक्तबीज ने तीनों लोकों में हाहाकार मचा रखा था। इससे चिंतित होकर सभी देवतागण शिव जी के पास गए। शिव जी ने

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