चीन ने एक बार फिर से डोकलाम पर ठोका दावा और भारत को पिछले साल की तनातनी से सबक लेने की चेतावनी दी
चीन ने एक बार फिर से डोकलाम पर दावा ठोका है। चीन के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि भारत को पिछले साल 73 दिनों की तनातनी से सबक लेना चाहिए। भारतीय सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने डोकलाम को विवादित क्षेत्र बताया था। चीन ने उनके बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए यह दावा किया है। चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वू कियान ने गुरुवार (25 जनवरी) को कहा, ‘भारतीय पक्ष का बयान यह दर्शाता है कि पड़ोसी देश के जवानों द्वारा अवैध तरीके से सीमा पार करने की घटना पूरी तरह स्पष्ट है। भारत को उससे सबक लेते हुए ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति से बचना चाहिए। चीन सभी देशों के साथ समान व्यवहार की हिमायत करता है। बीजिंग हमेशा से शीत युद्ध जैसी मानसिकता के प्रदर्शन का विरोध करता रहा है।’ चीनी प्रवक्ता ने अफगानिस्तान में सैन्य अड्डा या आतंकरोधी केंद्र स्थापित करने की रिपोर्ट को भी खारिज किया है। वू कियान ने इस रिपोर्ट को निराधार करार दिया है।
जनरल रावत ने 12 जनवरी को डोकलाम पर बयान दिया था। उन्होंने कहा था, ‘चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) ने तोरसा नुल्ला के पश्चिम (उत्तरी डोकलाम) में कब्जा कर लिया है। वास्तविक जगह से दोनों पक्ष हट चुके हैं, लेकिन तंबू और निरीक्षण केंद्र अब भी मौजूद हैं। यह क्षेत्र चीन और भूटान के बीच विवादित है।’ जनरल रावत ने आर्मी डे की पूर्व संध्या पर यह बयान दिया था। बता दें कि सैटेलाइट इमेज में डोकलाम के विवादित क्षेत्र में चीनी सेना के तंबू, निगरानी केंद्र, टैंक, मिसाइलें और बख्तरबंद वाहनों की मौजूदगी का पता चला था। जनरल रावत ने आशंका जताई थी कि सर्दी के मौसम के बाद चीनी सेना फिर से इस क्षेत्र में अपनी गतिविधि बढ़ा सकती है। उन्होंने सीमा पर तैनात भारतीय जवानों को चौकस रहने का भी निर्देश दिया था। सेनाध्यक्ष ने पाकिस्तान के बजाय चीनी सीमा पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत पर भी जोर दिया था।
डोकलाम विवाद 16 जून, 2017 में शुरू हुआ था। उच्चस्तरीय वार्ता के बाद अगस्त में दोनों देश के जवान विवादित क्षेत्र से हटने को तैयार हुए थे। हालांकि, इस घटना के बावजूद चीन कई मौकों पर डोकलाम पर अपना दावा ठोकता रहा है। पिछले कुछ महीनों में सीमा से लगते इलाकों में चीनी गतिविधि बहुत बढ़ गई है। पिछले साल पीएलए के जवान सड़क निर्माण के लिए अरुणाचल प्रदेश में घुस आए थे। इसका वीडियो भी वायरल हुआ था। चीनी जवानों ने आला अधिकारियों के निर्देश के बिना वापस जाने से इनकार कर दिया था। मालूम हो कि चीन अरुणाचल को दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा बताते हुए इस पर अपना दावा ठोकता है।