पकड़ा गया गुजरात सीरियल धमाकों का आरोपी अब्दुल कुरैशी जिसे भारत का ‘लादेन’ कहा जाता है

गणतंत्र दिवस के पहले दिल्ली पुलिस ने एक बड़े ऑपरेशन को अंजाम दिया है। पुलिस की स्पेशल सेल ने इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी अब्दुल सुभान कुरैशी को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है। साल 2008 में गुजरात में हुए सीरियल ब्लास्ट में कुरैशी का हाथ था। कुरैशी एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर है और बम बनाने में भी माहिर है। गणतंत्र दिवस को अब बहुत ही कम समय शेष है, ऐसे में राजधानी में किसी भी तरह की अप्रिय घटना ना हो इसलिए पुलिस इस वक्त काफी चौकस है और हर तरह की हलचल पर काफी ध्यान दे रही है।

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इस पूरे ऑपरेशन की जानकारी दी। पुलिस ने स्पष्ट किया है कि दिल्ली में कुरैशी किसी भी तरह का कोई हमला नहीं करने वाला था। वह यहां गाजीपुर में अपने पहचान के एक व्यक्ति से मिलने आया था, चूंकि गणतंत्र दिवस को लेकर पुलिस काफी चौकस है, इसलिए इसे पकड़ लिया गया। पुलिस ने यह भी बताया कि कुरैशी गुजरात सीरियल बम ब्लास्ट के अलावा भी कई सारे मामलों में आरोपी है। बेंगलुरु, मुंबई और दिल्ली में हुए ब्लास्ट से भी इसका कनेक्शन है। साथ ही यह भी जानकारी दी गई कि कुरैशी कई सालों तक झूठे दस्तावेजों के आधार पर नेपाल में भी रहा और वह समय-समय पर रूप बदलता रहता था। 2015-17 के बीच यह सउदी अरब भी गया था। उसके बाद यह भारत लौटा। इसकी मंशा थी कि भारत में इंडियन मुजाहिदीन को मजबूती दिला सके।

 

पुलिस ने बताया कि कुरैशी के पास से एक पिस्तौल और कुछ दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं, इन सारे डॉक्यूमेंट्स की जांच की जा रही है। यह बहुत ही शातिर और कुख्यात आतंकी है। यह सिमी का फायनेंशियल हेड भी रह चुका है। पुलिस ने बताया, ‘ये कभी भी शांत नहीं रहा, शातिर आतंकी है, मास्टरमांइड है। सिमी के ट्रेनिंग कैंप का आयोजन करता था। लोगों को कैसी ट्रेनिंग दी जानी चाहिए कुरैशी तय करता था। इसका नाम कई ब्लास्टों में सामने आया है, लेकिन इसकी जांच की जा रही है। हमें मुंबई से इस बारे में जानकारी प्राप्त करनी है। बेंगलुरु से भी कन्फर्म करेंगे। कई जगह इसका नाम था। ये बहुत अच्छी प्राइवेट कंपनियों में काम करता था। इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ा है, इंजीनियर है, इसे तकनीक का भी अच्छा ज्ञान है। फिलहाल इसे 14 दिन की पुलिस रिमांड पर लिया गया है। यह गुजरात ब्लास्ट के बाद कई जगह गया। मध्य प्रदेश, खंडवा, पटना में भी रहा। जानकारी मिली है कि इसने 2008 ब्लास्ट के बाद कलर टीवी सेट खरीदा था और मिठाई बाटी थी। इसका स्ट्रॉन्ग बेस कर्नाटक और एमपी में था।’

बता दें कि कुरैशी की तलाश पुलिस को 26 जुलाई 2008 में अहमदाबाद में हुए बम बलास्ट के बाद से थी। गुजरात पुलिस ने इस ब्लास्ट में कुरैशी को आरोपी बनाया था। एक टीवी चैनल को ब्लास्ट की जिम्मेदारी से जुड़ा एक ईमेल मिला था, जिसका कनेक्शन कुरैशी से था, इस ईमेल के आधार पर ही गुजरात पुलिस ने उसे आरोपी बनाया था। दिल्ली, बेंगलुरु में हुए आतंकी हमले और 2006 में हुए मुंबई लोकल ट्रेन धमाकों के मामले में नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) को भी कुरैशी की तलाश थी। कुरैशी की तलाशी के लिए काफी समय से गुजरात एटीएस और अहमदाबाद क्राइम ब्रांच दिल्ली पुलिस के संपर्क में थी।

अब्दुल कुरैशी को भारत का ओसामा बिन लादेन भी कहा जाता है। वह रूप बदलने में काफी माहिर है, इसी कारण से इतने सालों तक वह पुलिस से बचा रहा। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि आईएम का यह कुख्यात आतंकी बेंगलुरू और हैदराबाद की टॉप इंडियन आईटी कंपनियों के साथ भी काम कर चुका है।

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