शपथ ग्रहण में धर्मेन्द्र प्रधान से हुई गलती तो राष्ट्रपति ने टोका, दिलवाई दोबारा शपथ
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज (3 अगस्त) अपने मंत्रिपरिषद का बहुप्रतीक्षित विस्तार किया जिसमें नौ नये चेहरों को शामिल किया गया और चार मंत्रियों धर्मेन्द्र प्रधान, पीयूष गोयल, निर्मला सीतारमण और मुख्तार अब्बास नकवी को कैबिनेट मंत्री के रूप में पदोन्नति मिली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जब धर्मेन्द्र प्रधान को शपथ दिला रहे थे तो केन्द्रीय मंत्री से एक शब्द बोलने में गलती हो गई। इस दौरान राष्ट्रपति ने उन्हें टोका और फिर से शपथ दिलवाई। दरअसल धर्मेन्द्र प्रधान को ये गलती समझ में नहीं आई थी और वे अपना शपथ ग्रहण समाप्त समझ कर सरकारी दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने जा रहे थे। लेकिन तभी राष्ट्रपति ने उन्हें उनके द्वारा बोले गये गलत शब्द ‘समुचित’ की ओर ध्यान दिलाया और इस पंक्ति को फिर से उच्चारण करने को कहा। राष्ट्रपति ने कहा कि ये शब्द ‘समुचित’ नहीं बल्कि ‘संसूचित’ है। धर्मेन्द्र प्रधान ‘संसूचित’ को ‘समुचित’ बोले बैठे थे। राष्ट्रपति के निर्देश के बाद धर्मेन्द्र प्रधान ने इस पंक्ति को फिर से उच्चारण किया। तब जाकर उनका शपथ ग्रहण पूरा हुआ। शपथ ग्रहण का ये वीडियो नीचे है।
पेट्रोलियम मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार संभाल रहे युवा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को मोदी सरकार में अब कैबिनेट मंत्री के रूप में बड़ी जिम्मेदारी दी गयी है। बिहार राज्य से उच्च सदन में प्रतिनिधित्व कर रहे प्रधान मूल रूप से ओडिशा से आते हैं। वह ओडिशा विधानसभा के सदस्य भी रहे हैं। वह भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं। धर्मेन्द्र प्रधान प्रधानमंत्री मोदी की महात्वाकांक्षी योजना उज्ज्वला स्कीम की कामयाबी के लिए जाने जाते हैं। इस योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों को मुफ्त में रसोई गैस का सिलेंडर दिया जाता है। 1 मई 2016 को शुरू की गई इस योजना के तहत लगभग ढाई करोड़ सिलेंडर बांटे जा चुके हैं। उत्तर प्रदेश में इस योजना को काफी कामयाब माना गया। माना जाता है कि इस योजना की वजह से यूपी में बीजेपी को बढ़िया वोट मिले। इस योजना की कामयाबी के पीछे धर्मेन्द्र प्रधान का अहम रोल माना जाता है। इसी का ईनाम उन्हें कैबिनेट फेरबदल में मिला है।