चुनाव आयोग की रिपोर्ट के अनुसार गर्मी और कुछ स्टाफ के चलते गड़बड़ हुई थीं VVPAT मशीनें!
चुनाव आयोग ने कहा है कि अत्यधिक गर्मी और कुछ अनाड़ी स्टाफ की वजह से गोंदिया और कैराना सीट पर हुए उपचुनाव के दौरान वीवीपैट मशीनें खराब हुई थीं। चुनाव आयोग ने कहा है कि इन मशीनों को अत्यधिक रोशनी से बचाना बेहद जरूरी है खासकर उन वीवीपैट मशीनों को रोशनी से बचाना बेहद जरूरी है जो हाल में ही निर्मित हुई हैं। 10 राज्यों की अलग-अलग सीटों पर पिछले महीने 28 तारीख को उपचुनाव हुए थे। उपचुनाव के दौरान कई पोलिंग बूथ पर वीवीपैट मशीनें खराब होने की शिकायतें आई थीं। खासकर उत्तर प्रदेश की कैराना और महाराष्ट्र की गोंदिया सीट पर यह शिकायतें सबसे ज्यादा मिली थीं। कैराना में 20.8% और गोंदिया सीट पर 19.22% वीवीपैट बदलने पड़े थे।
वीवीपैट मशीनें खराब होने की शिकायतें मिलने के बाद चुनाव आयोग ने इसकी जांच कराई थी। जांच में यह सामने आया है कि ज्यादातर वहीं मशीनें खराब हुई थीं, जिनका इस्तेमाल पहली बार किया गया था। इकोनॉमिक्स टाइम्स में छपी रिपोर्ट के मुताबिक उपचुनाव के दौरान करीब 4000 नये वीवीपैट इस्तेमाल किये गये थे। बतलाया जा रहा है कि ज्यादातर मशीनों को अत्यधिक गर्मी में रख दी गई थी, इसी वजह से उनमें खराबी आई। हालांकि मशीनें बनाने वाली कंपनी ने इसके बारे में पहले ही आगाह किया था।
कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि नए वीवीपैट मशीनों के रखरखाव की जिम्मेदारी वैसे कर्मचारियों के पास थी जो अनाड़ी थे। यानी उन्हें इस मशीन के रखरखाव के नियमों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उनलोगों ने मशीन को अत्यधिक रोशनी और गर्मी में रख दिया जिसकी वजह से यह मशीनें खराब हो गईं। चुनाव आयोग अब उपचुनाव के दौरान खराब हुई उन सभी वीवीपैट मशीनों की तकनीकी जांच करेगा। आपको बता दें कि कैराना संसदीय सीट के 73 बूथों पर फिर से उपचुनाव कराए गए थे। तो वहीं भंडारा गोंदिया सीट के 39 पोलिंग बूथों पर वीवीपैट मशीनें खराब होने की खबरें आने के बाद पुनर्मतान कराया गया था।