पंजाबी लड़की का धर्म परिवर्तन करा की उससे शादी फिर परिवार के साथ मिलकर किया गैंगरेप, पीडिता ने लगाया आरोप

मीडीया रिपोर्ट के अनुसार पंजाब में लव जिहाद की आड़ में जुर्म का मामला का एक मामला सामने आया है। पीड़ित लड़की ने आरोप लगाया है कि शादी से पहले उसका धर्म परिवर्तन कराया गया। लड़के ने मुस्लिम बनाकर उससे शादी की, फिर परिवार के साथ मिलकर गैंगरेप को अंजाम दिया। 18 वर्षीय पीड़िता ने इसी के साथ दावा किया कि पुलिस में मामले की शिकायत दी गई, मगर उचित कार्रवाई न की गई। 2017 में पीड़िता ने जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में रहने वाले मुस्लिम लड़के से शादी की थी। दावा है कि तब उस पर मुसलमान बनने के लिए लड़के व उसके परिजन ने दबाव बनाया था। जबरन धर्म परिवर्तन और गैंगरेप के इस मामले को लेकर पीड़िता इसके पास न्याय के लिए कोर्ट की दर पर पहुंची।

पीड़िता 2016 में आरोपी लड़के से चंडीगढ़ में मिली थी, जिसने खुद को हिंदू बताया था। प्रेम-प्रसंग के बाद जब उसे पता लगा कि लड़का मुस्लिम है, तो पीड़िता ने उससे दूरी बना ली। हालांकि, वे अप्रैल 2017 में फिर एक होटल में मिले, जहां लड़के ने उसके साथ कुछ आपत्तिजनक तस्वीरें खींच ली थीं। लड़के ने ब्लैकमेल करते हुए कहा कि अगर वह धर्म परिवर्तन करेगी, तभी वह उसे वे तस्वीरें लौटाएगा। इतना ही नहीं, लड़के ने अपनी जान ले लेने की धमकी भी दे डाली थी।

वे इसके बाद यहां के बुरैल गांव की एक मस्जिद में गए थे, जहां पीड़िता को इस्लाम कबूल कराया गया। शादी के बाद लड़का श्रीनगर चला गया था। पीड़िता उसके जाने पर 2017 में दो बार घाटी पहुंची, जहां उसने उससे वे आपत्तिजनक तस्वीरें मांगी। मगर उसके साथ वहां न केवल बदसलूकी की गई बल्कि लड़के के परिवार के ही पांच लोगों ने मिलकर उसका गैंगरेप किया।

एक मई को जस्टिस अनीता चौधरी के सामने सुनवाई के लिए उसकी याचिका आई। उसने तब आरोप लगाया कि चंडीगढ़ पुलिस ने मामले की सही से जांच-पड़ताल नहीं की। उल्टा उसने इसे आपसी संबंधों से जुड़ा सरल सा मामला बता दिया था। ऐसे में पीड़िता ने नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) या फिर केंद्रीय अन्वेष्ण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग की है।

याचिका में आरोप लगाया कि पीड़िता उस दौरान गर्भवती भी हो गई थी, मगर उसकी सास ने उसे जबरन बच्चा गिराने के लिए कह दिया था। ससुरालियों ने इसके अलावा उससे सारे पैसे व गहने भी हड़प लिए थे। पीड़िता ने अपनी यह याचिका जम्मू-कश्मीर के डीजीपी के पास दाखिल कराई थी, जबकि श्रीनगर की न्यायिक मजिस्ट्रेट में दर्ज कराया गया मामला अभी भी लंबित है।

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