शराब के नशे में नाबालिग बेटे की बेरहमी से पिटाई करने वाले शराबी पिता को बेटे ने पहुंचाया जेल

हैदराबाद के करीम नगर में अपनी तरह का पहला मामला सामने आया हैं जिसमें एक 11 वर्षीय बच्चे ने अपने पिता के खिलाफ मानसिक और शारीरिक तौर पर यातना देने के आरोपों में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने बच्चे के पिता को गिरफ्तार कर लिया है। शिकायत के मुताबिक, आरोपी पिता शराबी है और आए दिन पत्नी और बच्चों के साथ मारपीट करता रहता है.

पुलिस ने आरोपी पिता के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और जूवेनाइल एक्ट की कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक जम्मीकुंटा पुलिस को एक हस्त लिखित चिट्ठी दी गई थी, जिसमें बच्चे ने अपने पिता पर पिछले कुछ महीनों के दौरान मानसिक और शारीरिक तौर पर यातना देने संबंधी आरोप लगाए। जम्मीकुंटा पुलिस के अनुसार 11 वर्षीय मोलूगुरी शशि कुमार को उसके पिता एम श्रीनिवास के द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा था। जम्मीकुंटा पुलिस को दी हस्त लिखित चिट्ठी में शशि कुमार ने कहा कि है वह पिछले कुछ महीनों से अपने पिता के द्वारा मानसिक और शारीरिक तौर पर प्रताड़ना दिए जाने के लिए निशाने पर रहा है।

शिकायत के आधार पर पुलिस ने श्रीनिवास के खिलाफ आईपीसी और जूवेनाइल एक्ट की कई धाराओं में केस दर्ज कर लिया है। शशि कुमार ने पुलिस को बताया कि वह अपने पिता के साथ नहीं रहना चाहता था। उसने पुलिस से निवेदन किया कि उसे हॉस्टल में रख दिया जाए ताकि बिना किसी व्यवधान के वह अपनी पढ़ाई जारी रख सके। जम्मीकुंटा के पुलिस इंस्पेक्टर पी प्रशांत रेड्डी ने बताया कि श्रीनिवास को शराब की लत थी। वह अक्सर अपनी पत्नी राम्या और बेटे शशि कुमार पर हमला करता था। गुरुवार (22 फरवरी) की रात जब श्रीनिवास काम से घर लौटा तो राम्या ने ध्यान नहीं दिया। राम्या के इस व्यवहार पर वह अपने बेटे शशि कुमार को पीटने लगा। उसने लड़के के ऊपर मिर्ची पाउडर भी फेंका। लड़का शुक्रवार (23 फरवरी) को पुलिस थाने पहुंचा और अपने पिता के खिलाफ लिखित में शिकायत दर्ज कराई।

पुलिस के मुताबिक, शिकायत करने आया बच्चा अपने परिवार के साथ करीमनगर के जम्मीकुंटा इलाके में रहता है. पुलिस से शिकायत करने पहुंचे बेटे ने बताया कि उसके पिता ने शराब के नशे में उसी दिन मां और बहनों के सामने उसे जमकर मारा पीटा.

जम्मीकुंटा पुलिस मामले की जांच कर रही है। श्रीनिवास के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 324, 342 और 506 और जूवेनाइल एक्ट 2015 की धारा 75 (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) के तहत मामला दर्ज किया गया। इसके बाद श्रीनिवास को कोर्ट ले जाया गया जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया और लड़के को इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया।

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