भारत की बड़ी पनडुब्बी परियोजना से बाहर हुए जापान और स्पेन, बचे 4 दावेदार
रतीय शिपयार्ड और एक विदेशी शिप बिल्डर के साथ मिलकर 6 अडवांस पनडुब्बियों को तैयार किया जाना है। सूत्रों ने बताया कि इस प्रॉजेक्ट के लिए 4 शिप बिल्डर नवल ग्रुप-डीसीएनएस (फ्रांस), थिसनक्रुप मरीन सिस्टम्स (जर्मनी), रोसोबोरोनेक्सपोर्ट रूबीन डिजाइन ब्यूरो (रूस) और साब कॉकम्स (स्वीडन) ने शुरुआत रिक्वेस्ट फॉर इन्फर्मेशन पर अपने आवेदन दिए हैं। भारतीय नौसेना की ओर से पनडुब्बियों के विकास के लिए प्रॉजेक्ट-75 नाम से शुरू की जाने वाली परियोजना के लिए ये आवेदन मिले हैं।
जापान की कंपनी मित्सुबिशी-कावासाकी हेवी इंडस्ट्रीज कंबाइन और नवानतिया (स्पेन) ने इस प्रॉजेक्ट के लिए सोमवार की आखिरी तारीख तक अपना आवेदन नहीं दिया। दशकों से फाइलों में अटकी इस परियोजना के लिए नवंबर 2007 में मंजूरी मिली थी। भारतीय नौसेना 6 डीजल-इलेक्ट्रिक सबमरीन्स तैयार करना चाहती है, जो क्रूज मिसाइलों से लैस होंगी। इससे भारतीय नौसेना को गहरे पानी और वायु में सुरक्षा को चाक-चौबंद करने में मदद मिलेगी।